विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ सिलिकोसिस पीड़ित लाभार्थियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संवाद किया गया। डाॅ. सोनी ने सिलिकोसिस पीड़ितो को राज्य सरकार द्वारा जारी नई सिलिकोसिस नीति के अनुसार सहायता राशि, पेंशन, पालनहार, खाद्य सुरक्षा एवं अन्य सरकारी योजना से शीघ्र लाभान्वित करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
जिला कलक्टर ने ब्लाॅक स्तर पर ब्लाॅक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी के माध्यम से क्षेत्र के सिलिकोसिस पीड़ितों से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से वर्चुअल संवाद किया। इस दौरान रियां बड़ी क्षेत्र के सिलिकोसिस पीड़ित लाभार्थी अकबर खान व इंसाफ से डाॅ. सोनी ने पूछा कि क्या आपको सिलिकोसिस पेंशन का भुगतान सही समय पर मिल रहा है। इस पर लाभार्थियों ने बताया कि उन्हें प्रतिमाह 1500 रुपए आर्थिक सहायता के रुप में मिलते है तथा खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गेहूं भी मिल रहे है। इसके बाद डेगाना ब्लाॅक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी के माध्यम से सिलिकोसिस पीड़ित लाभार्थी खेमाराम से संवाद कर पेंशन, खाद्य सुरक्षा एवं निःशुल्क दवा व इलाज संबंधी जानकारी ली। साथ ही लाभार्थी से कहा गया कि उनकी जानकारी में यदि कोई और भी सिलिकोसिस पीड़ित है तो उन्हें इस योजना की जानकारी देकर सरकारी सहायता दिलवाई जा सकती है।
जिला कलक्टर ने कहा कि सिलिकोसिस के मरीज अपने जीवन के संघर्ष में जाने अनजाने में इस बीमारी के शिकार हो जाते है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे सिलकोसिस केयर कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशासन सिलिकोसिस पीड़ितों को यथासंभव नियमानुसार मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा अन्य किसी भी प्रकार की मदद के लिए भी प्रयासरत है। डाॅ. सोनी ने संवाद के दौरान सिलिकोसिस पीड़ितों से आग्रह किया कि सरकार उनके इलाज के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है, पीड़ित भी सहयोग करते हुए धूम्रपान व अन्य किसी प्रकार की नशे की आदत को छोड़कर अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक रामदयाल मांजू ने बताया कि सिलिकोसिस मुख्यत फेंफड़ो व श्वांस से संबंधित बीमारी है तथा धूम्रपान करने से इस बीमारी को और बढ़ावा मिलता है। इसलिए इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति धूम्रपान से दूर रहें तथा किसी भी प्रकार के नशे की आदत को छोड़कर अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें।
इस दौरान खनिज विभाग के अभियंता धीरज पंवार ने बताया कि मजदूर कार्यस्थल पर मुंह को ढककर रखें तथा कार्य करते समय आवश्यक सावधानियां बरतें, ताकि इस बीमारी से बचा जा सके। साथ ही अन्य मजदूरों को भी इस बीमारी से बचाव के लिए जागरुक करें।
जिला कलक्टर ने अधिकारियों को सिलिकोसिस पीड़ितों को वंचित योजनाओं से जुड़वाने एवं मुख्यमंत्री चिंरजीवी योजना में रजिस्ट्रेशन करवाने हेतु प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिए।
जिला सिलिकोसिस शिविर प्रभारी सुरेन्द्र चैधरी ने बताया कि जिला क्षय निवारण केन्द्र नागौर में न्युमोकोनियोसिस बोर्ड द्वारा संभावित सिलिकोसिस मरीजों का सप्ताह में छह दिन स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है एवं मरीज सिलिकोसिस रोग से ग्रसित पाये जाने पर तुरन्त बोर्ड द्वारा संबधित मरीज को सिलिकोसिस प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। जिससे मरीज को समय पर संबधित विभाग द्वारा जीवित एवं मृत्यूपरांत परिवारजन को सहायता राशि का भुगतान कर दिया जाता है। गौरतलब है कि सिलिकोसिस की नई नीति जारी की गयी है जिसमें सिलिकोसिस रोग प्रमाण पत्र पर पुनर्वास के लिए जीवित रहते 3 लाख रुपये एवं मृत्यूपरांत 2 लाख का लाभ दिया जाता है। नई नीति के तहत सिलिकोसिस पेंशन, पालनहार, खाघ सुरक्षा तथा सिलिकोसिस पीड़ित के अंतिम संस्कार के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा 10 हजार रुपये का लाभ भी दिया जाता है।