जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी की अभिनव पहल के सार्थक परिणाम , अभी नहीं लेना है विराम
विनय एक्सप्रेस समाचार,नागौर। जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी की अभिनव पहल अभियान लाडेसर ने रंग दिखाना शुरू किया कर दिया है । एक माह के फोलोअप से यह पता चला है कि इस अभियान से 699 बच्चों को अत्यधिक लाभ पहुंचा है । यह अतिकुपोषित व कुपोषित बच्चों की श्रेणी से निकलकर सामान्य बच्चों की श्रेणी में आ गए हैं । उल्लेखनीय है कि नागौर जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी द्वारा 27 मई से नागौर जिले में अभियान लाडेसर का शुभारंभ किया गया । इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से जिले के नौनिहालों को सुरक्षित रखना था। इसके लिए जरूरी था कि उन में कुपोषण और एनीमिया को पहचान कर समय रहते इलाज किया जाए और उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास किया जाए ।
जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में आईसीडीएस , चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग तथा शिक्षा विभाग के समन्वित इस कार्यक्रम में जीरो से 5 वर्ष तक के बच्चों की स्क्रीनिंग करके उनमें से अति कुपोषित व कुपोषित बच्चों को चिह्नित करना था । इसी प्रकार से इससे अधिक उम्र के बच्चों विशेष रूप से रक्ताल्पता वाली किशोरी बालिकाओं को भी चिह्नित करके उनका डेटाबेस तैयार करना व उनको फोलिक एसिड , आयरन की टेबलेट भी उपलब्ध करवाना इस अभियान में शामिल रहा । साथ ही जीरो से 5 वर्ष तक के कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों को भामाशाहों के सहयोग से लाडेसर पोषण किट उपलब्ध करवाना था। इस लाडेसर पोषण किट में चार प्रकार की दालें , गुड़ , चावल , भुने हुए चने , मूंगफली व सोयाबीन का तेल शामिल था ।
इस अभियान लाडेसर में 13 ब्लॉकों के 5 वर्ष से कम 395186 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें से 144 बच्चों को अति कुपोषित व 4010 बच्चों को कुपोषित बच्चों के रूप में चिह्नित किया गया । इसमें सर्वाधिक नागौर ब्लॉक में 51662 व मकराना ब्लॉक में 50810 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई । आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा सहयोगिनी द्वारा वेट मशीन से वजन लेकर एवं एमयूएसी टेप मिड अपर आर्म सरकम्फ्रेंस टेप , मध्य ऊपरी बांह नापने की टेप के माध्यम से इन बच्चों की पोषणता जांच की गई तथा ऐसे अतिकुपोषित व कुपोषित बच्चों को लाडेसर पोषण किट के द्वारा पौष्टिक आहार से भी संबल दिया गया । साथ ही अतिकुपोषित बच्चों को जिला चिकित्सालय के एमटीसी वार्ड में भी भर्ती करके पोस्टिक आहार व मेडिसिन से भी इलाज किया गया । एक माह तक दिए गए लाडेसर पोषण आहार से नागौर ब्लॉक में 138 , रिंया बड़ी ब्लॉक में 169 बच्चे अति कुपोषित व कुपोषित श्रेणी से निकलकर सामान्य बालकों की श्रेणी में आ गए । इसी प्रकार डीडवाना ब्लॉक का आंकड़ा भी सौ के पार रहा । वही नावां व परबतसर ब्लॉक में भी सराहनीय कार्य रहा । अब पूरे जिले में 79 अति कुपोषित व 3376 कुपोषित बच्चे शेष रहे हैं । इस प्रकार कुल 3455 बालकों को पोषण की दृष्टि से सामान्य बच्चों की श्रेणी में लाने का लक्ष्य शेष है जिनका प्रत्येक एक-एक माह के अंतराल पर फॉलो अप किया जाना है । इसलिए कहा गया है लक्ष्य तक पहुंचे बिना , पथ में पथिक विश्राम कैसा ।।
अभियान लाडेसर के नोडल अधिकारी एवं बाल विकास परियोजना नागौर के सीडीपीओ दुर्गा सिंह उदावत ने फॉलोअप के परिणाम जारी करते हुए बताया अभियान लाडेसर के तहत चिह्नित बालक बालिकाओं में इस पोषण किट का और चिकित्सा सुविधाओं का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है ।
जो इस बात से स्पष्ट है कि जिले के 144 अति कुपोषित बच्चों में से इस अल्पावधि में एमटीसी पर उपचार के पश्चात 12 बच्चे सामान्य श्रेणी में आ गए हैं वहीं घर पर लाडेसर पोषण किट का उपभोग करते हुए एवं विशेष देखरेख के चलते 53 बच्चे अति कुपोषित से कुपोषित की श्रेणी में यानी रेड जोन से येलो जोन में शिफ्ट हो गए हैं । वही 4010 कुपोषित बच्चों में से लाडेसर पोषण किट का उपयोग करते हुए एवं विशेष देखरेख के चलते 687 बच्चे सामान्य श्रेणी में आ गए हैं।
354 किशोरी बालिकाएं रक्ताल्पता की श्रेणी से निकली बाहर -हुई सामान्य
वहीं एनीमिक किशोरी बालिकाओं में भी सुधार नजर आया है । अब तक कुल 2049 किशोरी बालिकाएं रक्ताल्पता से पीड़ित पाई गई थी । उनमें से 354 बालिकाएं रिकवर हो चुकी है । इसका अगला फॉलोअप 1 से 7 अगस्त के मध्य होना है और अगर इसी तरह से इन बच्चों को विशेष पूरक पोषाहार और चिकित्सकीय देखभाल जारी रही तो वह दिन दूर नहीं जब नागौर जिला देश का ऐसा प्रथम जिला हो जाएगा, जो पूरी तरह से कुपोषण मुक्त कहलाएगा ।