विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। जयमल जैन पौषधशाला में जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में 75वां स्वंतत्रता दिवस भक्ति भावना से मनाया गया। इस अवसर पर साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा ने प्रवचन में कहा कि स्वतंत्र शब्द ही अपने आप में महत्वपूर्ण है। स्व यानी आत्मा और तंत्र यानी शासन। अपनी आत्मा पर स्वयं को शासन करना वास्तव में स्वतंत्रता है। देश तो स्वतंत्र हो गया परन्तु आत्मा अभी तक मोह का गुलाम बना हुआ है। मोह के साम्राज्य में कर्म जंजीरों से जकड़ा हुआ हर एक जीव स्वतंत्र नहीं है। व्यक्ति स्वतंत्र की बजाय स्वच्छंद होता जा रहा है। जिसका परिणाम यह है कि वह संस्कारों एवं संस्कृति से विमुख होता जा रहा है। साध्वी ने कहा कि देश की एकता, अखंडता एवं स्वतंत्रता अक्षुण्ण रहें। शहीदों का बलिदान व्यर्थ ना जाए। इसके लिए हर देशवासी के अंदर राष्ट्रीयता की भावना पल्लवित, पुष्पित और विकसित होनी चाहिए। जातिवाद, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद इत्यादि से ऊपर उठकर राष्ट्रहित का चिंतन होना चाहिए। राष्ट सुरक्षित रहने से ही धर्म सुरक्षित रह सकता है। गुलामी की लंबी दास्तान सुनाते हुए साध्वी ने कहा कि कैसे विदेशी आक्रांताओं ने सैंकड़ो वर्ष तक देश को लूटा, अत्याचार किए, गुलामी की बेड़ियों में जकड़े हुए रखा। उन्होंने बर्बरता की अनेक घटनाओं का भी जिक्र किया। अंत में सभी उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं ने राष्ट्रीय गान गाया।
आचार्य शुभचंद्र महाराज का जन्मदिवस 18 को
मंच का संचालन संजय पींचा ने किया। सुनीतादेवी एवं खुशबू के जन्मदिन के उपलक्ष्य में रविवार को प्रवचन और जय जाप की प्रभावना तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत करने के लाभार्थी कमलचंद, हर्षित ललवानी परिवार रहें। गत रविवार को हुई प्रतियोगिता में प्रथम- पुष्पा ललवानी, द्वितीय- चंद्रकांता पींचा एवं तृतीय- प्रेमलता ललवानी रहीं। विजेताओं को चमक इंडस्ट्रीज, पीपाड़ सिटी के पारसमल जैन द्वारा पुरस्कृत किया गया। सोमवार को प्रवचन एवं जय जाप की प्रभावना किशोरचंद, पवन, अरिहंत पारख परिवार द्वारा वितरित की गयीं। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को साधर्मिक महानुभाव द्वारा पुरस्कृत किया गया। आगंतुकों के भोजन का लाभ प्रकाशचंद, प्रदीप बोहरा परिवार ने लिया। संघ मंत्री हरकचंद ललवानी ने बताया कि बुधवार को आचार्य सम्राट शुभचंद्र महाराज का जन्मदिवस सामूहिक एकासन के द्वारा मनाया जाएगा। इस मौके पर सरोज गोलछा, ललिता छल्लानी, रीता ललवानी, संगीता चौरड़िया सहित अन्य श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहें।