नागौर के मूंडवा में अम्बुजा सीमेंट के नए प्लांट का उद्घाटन
विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में मौजूद खनिज सम्पदा के अथाह भण्डार हमारे राजस्व अर्जन के प्रमुख स्रोत हैं। इन प्राकृतिक संसाधनों का वैज्ञानिक तरीके से संतुलित दोहन कर प्रदेश के राजस्व में वृद्धि के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उपलब्ध पोटाश का सही ढंग से दोहन आने वाले समय में प्रदेश की तस्वीर बदल सकता है।
श्री गहलोत शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नागौर के मूंडवा में अम्बुजा सीमेंट के नए प्लांट ‘मारवाड़ सीमंेट वर्क्स‘ के ट्रायल रन की शुरूआत पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर में अम्बुजा सीमेंट द्वारा नागौर में नए सीमेंट प्लांट की शुरूआत करना प्रदेश के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। अम्बुजा सीमेंट द्वारा इस प्लांट पर 3250 करोड़ रूपए का निवेश एक सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि नई इकाई से पूर्ण उत्पादन शुरू होने के बाद क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लिए यह गर्व की बात है कि राजस्थान देश का सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक राज्य है। यहां 24 सीमेंट प्लांट हैं। उन्होंने मूंडवा में बने सीमेंट प्लांट को ग्रीन प्लांट के रूप में स्थापित करने के लिए अम्बुजा सीमेंट को साधुवाद देते हुए कहा कि पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से यह आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य तय करने के लिए होल्सिम की सराहना की।
श्री गहलोत ने कहा कि एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने यह प्रावधान किया है कि एमएसएमई इकाई को राज उद्योग मित्र पोर्टल पर पंजीयन के बाद किसी भी सरकारी विभाग से 3 साल तक कोई अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। उद्यमियों को निवेश में आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने वन स्टॉप शॉप प्रणाली लागू की है। रिप्स- 2019 के माध्यम से औद्योगिक इकाइयों को विभिन्न प्रकार के सुविधापुंज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रदेश में निवेश करने वाले सभी उद्योगों को राज्य सरकार की ओर से पूरा सहयोग मिलेगा।
राज्य के खान मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने नागौर में अत्याधुनिक सीमेंट प्लांट स्थापित करने के लिए अम्बुजा सीमेंट को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नए खनन ब्लॉक की खोज, चिन्हिकरण एवं उनकी नीलामी की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। साथ ही, प्राकृतिक संसाधनों के दीर्घकालीन समावेशी दोहन के लिए नई खनिज नीति तैयार की जा रही है।
उद्योग राज्यमंत्री अर्जुन सिहं बामनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान उद्योगों का हब बनने की ओर अग्रसर है। राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक इकाइयों को बढ़ावा देने की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के माध्यम से लघु उद्योगों को ऋण पर ब्याज अनुदान दिया जा रहा है।
होल्सिम के एशिया पेसेफिक हैड मार्टिन क्रिग्नर ने कहा कि नए प्लांट की शुरूआत अम्बुजा सीमेंट के लिए मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने उद्योगों को दिए जा रहे सहयोग के लिए राज्य सरकार को साधुवाद दिया। अम्बुजा सीमेंट के सीईओ एवं प्रबन्ध निदेशक नीरज अखौरी ने कार्यक्रम की शुरूआत में नए सीमेंट प्लांट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राजस्थान में अम्बुजा सीमेंट का यह तीसरा प्लांट है, जिसे कोविड महामारी की चुनौतियों के बीच तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि अम्बुजा सीमेंट स्थानीय समुदाय के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में भी अपनी भागीदारी निभाएगा।
मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा, शासन सचिव उद्योग आशुतोष एटी पेडनेकर, आयुक्त बीआईपी श्रीमती अर्चना सिंह, नागौर जिला कलेक्टर जितेन्द्र कुमार सोनी, अम्बुजा सीमेंट के चेयरमैन श्री नरोत्तम सेखसरिया, पुलिस अधीक्षक अभिजीत सिंह, अतिरिक्त जिला कलेक्टर मोहनलाल खटनावलिया, अंबुजा सीमेंट लिमिटेड के मारवाड़ सीमेंट वर्क्स के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट व यूनिट हैड हेमेन्द्रसिंह राठौड, सीनियर वाइस प्रेसीडेंट संजय वशिष्ठ सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी व अंबुजा सीमेंट के पदाधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
अंबुजा सीमेंट लिमिटेड(अंबुजा, या एसीएल) का मारवाड़ मूण्डवा में 2 हजार 350 करोड़ रूपए के निवेष से निर्मित, इस ग्रीनफिल्ड एकीकृत संयंत्र से अंबुजा की क्लिंकर क्षमता 3 मिट्रिक टन प्रति वर्ष तथा सीमेंट की बिक्री में 02 मिट्रिक टन प्रति वर्ष तक की वृद्धि में मदद मिलेगी। इससे विस्तार की दीर्घकालिक रणनीति को बल मिलेगा। रबारीवास और लखेरी के बाद मारवाड़ सीमेंट वर्क्स राजस्थान में होलसिम ग्रुप का तीसरा होने के साथ-साथ राजस्थान में अंबुजा का दूसरा एकीकृत संयंत्र है और देष में छठा है।