बापू का अहिंसा पथ और भारत की आजादी“ विषय पर निबंध प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150 वें जयंती वर्ष समारोह व स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देशानुसार आयोजित की जा रही गतिविधियों में शुक्रवार को जिला प्रशासन व सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय के तत्वावधान में निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई। बापू का अहिंसा पथ और भारत की आजादी विषय पर आयोजित यह प्रतियोगिता राजकीय सार्वजनिक जिला पुस्तकालय गांधी चौक में संपन्न की गई। इस प्रतियोगिता में माध्यमिक व उच्च माध्यमिक वर्ग के 24 विद्यार्थियों द्वारा सहभागिता व्यक्त की गई। जिसमें रतन बहन बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय नागौर की बालिका किरण बिश्नोई ने प्रथम, अंकिता सोलंकी ने द्वितीय तथा विजय लक्ष्मी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता में सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया गया।पुरस्कार वितरण समारोह सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी हेमन्त छीपा, सेवानिवृत्त प्रथम श्रेणी पुस्तकालय अध्यक्ष हरिसिंह राजपुरोहित, व्याख्याता मंजू सिरोहीवाल, पुस्तकालय अध्यक्ष मियालराम जाखड़ के आतिथ्य में संपन्न हुआ। अपने संबोधन में सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी छीपा ने कहा कि महात्मा गांधी आम लोगो को जो कुछ कहते थे, उसे पहले अपने जीवन में भी उतारते थे। व्यवहारिक रूप से किसी भी जीवनचर्या व व्यवहार को मैं स्वयं अपने जीवन में कितना उतारता हूं, इसका वह बहुत ध्यान रखते थे। भारत के तत्कालीन 40 करोड़ लोगों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन सादगी व मितव्ययिता से बिताया। उन्होंने कहा कि अभी विद्यार्थी अवस्था में हमारे सभी के जीवन में सभी के प्रति आत्मीयतापूर्ण व्यवहार रहता है तथा बड़े होने पर हमें भ्रामक विचारों से सावधान रहना है। मजहब, जाति, भाषा व वर्ग के आधार पर स्वार्थवस अनेक लोगों द्वारा अपने विचारों को संकीर्ण करने का कार्य किया जाएगा, लेकिन हमें महात्मा गांधी के समान अपने विचारों को उदार व उदात्त रखना है।

 इस दौरान अपने संबोधन में व्याख्याता सिरोहीवाल ने कहा कि इन विषम परिस्थितियों में भी प्रतियोगिता में भाग लेने का उत्साह बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि है। परिणाम से निराश होने की आवश्यकता नहीं है, और अधिक उत्साह के साथ अपनी अभिव्यक्ति क्षमता को बढ़ाएं। राजपुरोहित ने अपने आशीर्वचन से कहा कि विद्यार्थी को समाज जीवन सभी से सीख लेने का प्रयास करना चाहिए। नागौर जिला मुख्यालय स्थित सार्वजनिक वाचनालय में विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं और पुस्तकों के माध्यम से अपने ज्ञान में अभिवृद्धि करनी चाहिए। कार्यक्रम में व्याख्याता राजेश देवड़ा, मंजू सिरोहीवाल, बालकिशन भाटी आदि ने निर्णायक दायित्व का निर्वहन किया। वहीं राधेश्याम रांकावत व मियालराम जाखड़ ने प्रतियोगिता में सहयोग प्रदान किया।