संवत्सरी महापर्व शनिवार को
विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। जयमल जैन पौषधशाला में शुक्रवार को पर्युषण पर्व के सातवें दिन साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा ने प्रवचन में कहा कि सतसंगत से जीवन का कण-कण खिल जाता है। पापी आत्मा भी सत्संग से पावन बन जाती है। सत पुरुषों का संग दानवता की ओर बहने वाली शक्ति की धारा को मानवता की ओर मोड़ती है। अच्छे वातावरण में रहने से स्वयं में अच्छाई आएगी। बुरे लोगों के साथ बैठेंगे तो जीवन में बुराई आएगी। दीपक में तेल होने पर भी जब तक ज्योतिर्मान प्रदीप से उसका संयोग नहीं होता, तब तक उसमें ज्योति नहीं आ सकती। इसी प्रकार सत्पुरुष के समागम के बिना सम्यक ज्ञान प्राप्त नहीं हो सकता। जैसा कार्य और वातावरण होता है, वैसा ही रंग जीवन में आता है। महान व्यक्तियों के साथ रहने वाला स्वयं महान बन जाता है। योवन, संपत्ति, सत्ता और अविवेक यह चारों अगर मिल जाते हैं तो अनर्थ हो जाता है। निरंकुश घोड़ा स्वयं भी कष्ट पाता है और दूसरों के लिए भी कष्टदायक सिद्ध होता है। मनुष्य की यदि आत्मा शक्ति जागृत हो जाती है, तो देव शक्ति को भी परास्त किया जा सकता है। पश्चाताप करने से पापों से छुटकारा प्राप्त किया जा सकता है। घृणा पापी से नहीं पाप से की जानी चाहिए। क्योंकि पापी व्यक्ति में तो परिवर्तन आ सकता है। साधु-साध्वी रुपी जीती जागती प्रतिमा का दर्शन करने मात्र से महान पुण्य का लाभ प्राप्त हो सकता है। दान, तप, धर्म-आराधना प्रकट में की जानी चाहिए ताकि दूसरों को भी प्रेरणा प्राप्त हो सके। पाप कार्य एकांत में किया जाते हैं क्योंकि वह दूसरों के लिए अनुकरणीय नहीं होते हैं। पाप क्षेत्र में किए हुए कार्य आडंबर कहलाते हैं। जबकि पुण्य क्षेत्र में किए गए सद्कार्य धर्म की प्रभावना करने वाले होते हैं। संचालन संजय पींचा ने किया। प्रवचन और चौपाई की प्रभावना तथा प्रश्नोत्तरी विजेताओं को पुरस्कृत करने के लाभार्थी नरपतचंद, भरत चौरड़िया परिवार रहें। प्रवचन प्रश्नों के उत्तर लवित जैन, महावीरचंद भूरट, विजया ललवानी, प्रेरणा चौरड़िया, हीरल भूरट एवं कंचनदेवी ललवानी ने दिए। पांचीदेवी ललवानी ने 8 उपवास एवं निशिता बोहरा और तोषिना ललवानी ने 7 उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किए। आगंतुकों के भोजन का लाभ ललित, विदित सुराणा परिवार ने लिया। संघ मंत्री हरकचंद ललवानी ने बताया कि शनिवार को संवत्सरी महापर्व मनाया जाएगा। इस मौके पर रूपेश पींचा, प्रवीण चौरड़िया, अशोक सुराणा, सुरेश लोढ़ा सहित सैंकड़ों श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहें।