विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। जयमल जैन पौषधशाला में जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में शनिवार को 8 दिवसीय पर्वाधिराज पर्युषण आराधना का समापन हुआ। इस दौरान साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा ने प्रवचन में कहा कि संवत्सरी महापर्व क्षमा की अमृतधारा से ह्रदय की कलुषता धोने वाला एवं आत्म ज्ञान की ज्योति प्रकट करने वाला पावन पर्व है। इस पर्व की उपासना एवं आराधना का मूल उद्देश्य राग-द्वेष की शांति करते हुए जनमानस में सरलता, विनय, मैत्री भाव आदि मानवीय गुणों को प्रकट करना है। इस दिन प्रत्येक आत्म साधक अपने वर्ष भर के जीवन व्यवहार का मूल्यांकन करता है। अपने द्वारा जाने-अनजाने में हुए दुष्कृत एवं पापों की शुद्ध मन से आलोचना करता है। तथा भविष्य में उसकी पुनरावृत्ति ना हो उसके लिए संकल्पित होता है। यह पर्व प्राणी मात्र के प्रति आत्म तुल्य भाव जागृत करता है। साध्वी ने कहा कि संवत्सरी के दिन बैर की गांठ को दूर कर क्षमा का गुण प्रकट करना चाहिए। हर जीव को आत्म अवलोकन करना चाहिए कि कहीं किसी के साथ मनमुटाव या बैर तो नहीं है। बैर की गांठ खुलने पर ही अमित शांति की प्राप्ति हो सकती है। क्षमा मांगने से व्यक्ति छोटा नहीं अपितु महान बनता है। क्षमा के द्वारा शत्रु को भी मित्र बनाया जा सकता है। क्रोध प्रीति का नाश करने वाला होता है। जबकि क्षमा से मैत्री का संचार होता है।
विजेताओं को किया पुरस्कृत
संचालन संजय पींचा ने किया। प्रवचन की प्रभावना किशोरचंद पवन पारख परिवार, नेमीचंद नरेश चौरड़िया परिवार, संतोषदेवी गौतमचंद ललवानी परिवार द्वारा वितरित की गयीं। तोषिना ललवानी, निशिता बोहरा ने 8 उपवास तथा अतिशय जैन, अमित नाहटा, मुस्कान भूरट ने 3 उपवास के प्रत्याख्यान साध्वी वृंद से ग्रहण किए। अंतगड़ दसां सूत्र पर आयोजित हुई प्रतियोगिता में प्रथम- कल्पना ललवानी, द्वितीय- विजया ललवानी एवं तृतीय- मुद्गल ललवानी रहें। सभी विजेताओं एवं प्रतिभागियों को अकल्यादेवी-हस्तीमल पींचा एंड सन्स, नागौर-सूरत-गुवाहाटी द्वारा पुरस्कार प्रदान किये गए। चौपाई की प्रभावना एवं प्रश्नोत्तरी विजेताओं को पुरस्कृत करने के लाभार्थी किशोरचंद, पवन, अरिहंत पारख परिवार रहें। प्रतिक्रमण की प्रभावना का लाभ पुखराज, दिनेश पींचा परिवार ने लिया। आठ दिन तक प्रतिदिन सुबह 6 से शाम 6 बजे तक किया जा रहा नवकार महामंत्र का जाप भी शनिवार को पूर्ण हुआ। नेम राजुल का दृष्टांत सुनकर साध्वी वृंद की सद्प्रेरणा से श्रावक-श्राविकाओं ने जीव-दया में बढ़-चढ़कर राशि लिखवाई। संघ द्वारा तपस्वियों का सम्मान किया गया।
सामूहिक क्षमापना रविवार को
संघ मंत्री हरकचंद ललवानी ने बताया कि रविवार को प्रातः 9.30 बजे जयमल जैन पौषधशाला में सामूहिक क्षमापना का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। क्षमापना कार्यक्रम के पश्चात संघ द्वारा नवकार महामंत्र का पाट लाभार्थी नरपतचंद ललवानी परिवार के निवास स्थान पर ले जाया जाएगा। इस मौके पर दशरथचंद लोढ़ा, सुरेंद्र चौरड़िया, निर्मलचंद चौरड़िया, लोकेश जैन, राजेंद्र ललवानी, ज्ञानचंद भूरट, नौरतन सुराणा, अशोक नाहटा, नवीन गुरासा, पूनमचंद बैद, महेंद्र कांकरिया, गौतमचंद बाघमार, प्रीतम ललवानी सहित बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लेकर वर्ष भर में हुए पापों का शुद्धिकरण किया।