इंजीनियर्स डे पर रक्तदान शिविर आयोजित : रक्तदान-महादान, इससे जीवन बचाया जा सकता है -ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने रक्तदान को महादान की संज्ञा देते हुए कहा कि इससे दुर्घटना जैसी आपात स्थितियों में किसी भी व्यक्ति का जीवन बचाया जा सकता है। जो व्यक्ति रक्तदान करता है, उसका स्वास्थ्य बेहतर रहता है और रक्तदान के कुछ समय बाद ही रक्तदाता के शरीर में प्राकृतिक रूप से नया रक्त बन जाता है।
डॉ. कल्ला ने बुधवार को भारत-रत्न एम. विश्वेश्वरैया जी की जयंती ‘इंजीनियर्स डे‘ पर झालाना स्थित इंजीनियरिंग स्टाफ प्रशिक्षण संस्थान में राजस्थान स्टेट इंजीनियरिंग सर्विसेज एसोसिएशन द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर के शुभारंभ अवसर पर यह बात कहीं।
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जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री ने देश और प्रदेश के सभी इंजीनियर्स को बधाई देते हुए कहा कि श्अभियंता दिवस पर रक्तदान शिविर का आयोजन सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि विश्वेश्वरैया जी देश के सच्चे सपूत और एक महान इंजीनियर थे। उन्होंने अपनी अद्वितीय प्रतिभा और अदभुत कौशल के दम पर देश के विकास और नवनिर्माण में अविस्मरणीय योगदान देते हुए अमिट छाप छोड़ी।
डॉ. कल्ला ने कहा कि इंजीनियरिंग एक ऎसा पेशा है जो अभियंताओं को अपने कार्यक्षेत्र में खुद के तकनीकी कौशल और क्षमताओं के दम पर मानवीय विकास के नए आयाम स्थापित करने का अवसर प्रदान करता है। अपने कर्म क्षेत्र में समर्पण, निष्ठा और ईमानदारी से योगदान देने वाले इंजीनियर्स सदैव प्रगति के नए प्रतिमान कायम कर जीवन में सफलता के नए सोपान तय करते हैं।
जलदाय विभाग के मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू) श्री सीएम चौहान ने बताया कि श्इंजीनियर्स डेश् पर रक्तदान शिविर एक साथ 5 शहरों जयपुर, अजमेर, उदयपुर, कोटा एवं जोधपुर में आयोजित किया जा रहा है। इनमें 200 यूनिट रक्त का संग्रहण किया गया।
इस अवसर पर जल स्वच्छता एवं सहयोग संगठन (डब्ल्यूएसएसओ) के निदेशक श्री हुकमचंद वर्मा, इंजीनियरिंग स्टाफ प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक श्री संजय भार्गव, जल संसाधन विभाग में अधीक्षण अभियंता किरण आहुजा, जलदाय विभाग में इंजीनियर्स एसोसिएशन-गीयर के महासचिव श्री भवानी सिंह तथा राजस्थान स्टेट इंजीनियरिंग सर्विसेज एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री भुवनेश कुलदीप सहित जलदाय विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के इंजीनियर्स मौजूद रहे।