विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि रोड़वेज का संचालन जनकल्याण की भावना से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के लिए रोडवेज को घाटे से उबारने से बड़ी प्राथमिकता निगम के कर्मचारियों की मांगे पूरी करना और सेवानिवृत्ति के पश्चात् उन्हें पेंशन परिलाभ दिया जाना है।
खाचरियावास प्रश्न काल में इस संबंध में विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा लाभ कमाने की नहीं है, बल्कि ज्यादा से ज्यादा नई बसें खरीदकर जनता के लिए सुविधाओं को बढ़ाना है।
इससे पहले श्री खाचरियावास ने विधायक श्री सुरेश सिंह रावत के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि अगस्त 2016 से दिसम्बर, 2020 तक लगभग 5000 अधिकारियों व कर्मचारियों के लगभग 408 करोड़ रुपये के सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान बकाया है।
उन्होंने बताया कि भविष्य में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को पेंशन परिलाभों जैसे ग्रेच्युटी, उपार्जित अवकाश, 5-6 वॉ वेतनमान एरियर इत्यादि का भुगतान सेवानिवृत्ति के समय ही किये जाने की व्यवस्था निगम की रोकड़ तरलता की स्थिति अनुकूल होने पर की जा सकेगी।
परिवहन मंत्री ने बताया कि निगम को प्रतिमाह संचालन से प्राप्त होने वाली आय के विरूद्ध निगम के प्रतिमाह संचालन व्यय अधिक है। इस अंतराल की पूर्ति वित्तीय सहायता से की जाती है। निगम के लगभग 5000 सेवानिवृत्त कर्मचारियों का लगभग 408 करोड़ रुपये के सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान माह अगस्तो, 2016 से दिसम्बर, 2020 तक बकाया है। अतः निगम से सेवानिवृत होने वाले कर्मियों को उक्त अवधि तक के बकाया पेंशन परिलाभ दिलाने हेतु सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि माह जुलाई 2016 के बाद सेवानिवृत्त हुये अधिकारियों व कर्मचारियों को मेडिकल एवं पुत्र अथवा पुत्री के विवाह के आधार पर out of turn ग्रेच्युटी राशि का भुगतान किया जा रहा है ।