ऐसी योजना, जिसने नन्हें-मुन्नों को बनाया ‘‘चिरंजीवी‘‘: संतान को जन्मजात बीमारी से मिले छुटकारे पर खुश है परिजन

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मुख्यमंत्री को दे रहे साधुवाद

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अकेले नागौर जिले में 16 ऐसे नन्हें-मुन्ने बच्चों व किशोर-किशोरियों है, जिनका कैशलेस ऑपरेशन करवाकर उन्हें जन्मजात दिल में छेद बीमारी से निजात दिलाई गई है। इनमें से कुछ राहत भरे उपचार के मामले तो ऐसे हैं, जिनकी सफलता की कहानी कुछ तरह से बयां की जा सकती है।
केस.एकः-
नागौर जिले की मकराना के वार्ड 17 निवासी आसिफ, जो कि प्राइवेट नौकरी करते घर का गुजारा करता है। आसिफ के घर डेढ़ साल पहले एक बच्ची ने जन्म लिया, बेटी के जन्म पर सब खुश तो हुए लेकिन जैसे-जैसे वह बड़ी हुई तो उसे चलने पर भी सांस में तकलीफ होने लगी। डॉक्टरों को दिखाया और जांच करवाई तो पता चला कि इस डेढ़ साल की बच्ची मरियम के दिल में जन्म से ही छेद है, यह सुन आसिफ के घर में खामोशी सी छा गई। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना ने आसिफ की इसी खामोशी को खुशी में तब्दील कर दिया, आरबीएसके टीम द्वारा रैफर किए गए केस में मरियम का मेडिपल्स जोधपुर में हार्ट का ऑपरेशन हुआ और वो भी निःशुल्क। मरीयम की ओपन हार्ट सर्जरी 20 सितम्बर को हुई, अब वह बिल्कुल ठीक है। वहीं मरियम के पिता आसिफ और उसका परिवार अपनी लाडली को जन्मजात बीमार से निजात दिलाने में संजीवनी बनी इस जन स्वास्थ्य कल्याणकारी योजना के प्रति मुख्यमंत्री का धन्यवाद देते नहीं थकते।


केस.2
नागौर जिले के मेड़ता कस्बे में वार्ड नं. पांच निवासी दीपक, जो कि भवन निर्माण क्षेत्र में कारीगर का काम करके घर खर्च चला रहे हैं। दीपक के घर भी एक साल पहले नन्हीं-मुन्नीं कन्या ने जन्म लिया, नाम रखा गया हंसिका। हंसिका जन्म से ही शारीरिक रूप से कमजोर थी, बार-बार बीमार पड़ने और सांस लेने में तकलीफ होने पर हंसिका को चिकित्सकों को दिखाकर जांच करवाई गई। जांच में पता चला कि उसके दिल में छेद की बीमारी है, ईलाज में बड़ा पैसा लगने की आषंका से ही दीपक और उसका परिवार चिंता में पड़ गया लेकिन उसकी इसी चिंता को मेड़ता ब्लॉक की आरबीएसके टीम ने राहत में बदल दिया और यह संभव हो सका मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से। एक साल की नन्हीं मुन्नीं हंसिका का मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत जोधपुर के मेडीपल्स हॉस्टिपल में निशुल्क उपचार हो सका। अपनी बेटी का कैशलेस ऑपरेशन करवा उसे स्वस्थ पाकर दीपक और उसके परिवार ने मुख्यमंत्री का ऐसी जन स्वास्थ्य कल्याणकारी योजना शुरू करने के प्रति साधुवाद जताया।

जिले में हैल्थ स्क्रीनिंग का काम जारी

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मेहराम महिया ने बताया कि जिले में हर गांव व शहर तथा कस्बे में रूटीन कार्यक्रम के अनुसार बच्चों की हैल्थ स्क्रीनिंग का काम जारी है। जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुष्ताक अहमद की मॉनिटरिंग में चल रहे इस हैल्थ सर्वे की रिपोर्टिंग व समन्वय जिला आरबीएसके कॉर्डिनेटर डॉ.शुभकरण धोलिया कर रहे है। आरबीएसके कॉर्डिनेटर डॉ. धोलिया ने बताया जिले में सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र तथा मदरसों में बच्चों की हैल्थ स्क्रीनिंग के लिए प्रत्येक ब्लॉक में 2 टीमें काम कर रही है। एक टीम में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत नियुक्त दो चिकित्सकों सहित एक फार्मासिस्ट व एक एएनएम शामिल हैं। यह टीमें बच्चों की हैल्थ स्क्रीनिंग के साथ-साथ उन्हें आवश्यक दवाईयां भी वितरित करती है। साथ ही जन्मजात बीमारियों से ग्रसित बच्चों का अलग से नाम दर्ज कर उन्हें उच्च चिकित्सा संस्थान में उपचार के लिए रैफर किया जाता है।