मानव का सबसे बड़ा धर्म ही मानव सेवा : नि:शुल्क होम्योपैथी चिकित्सा शिविर का शुभारंभ

पहले बारह वर्ष तक संचालित हो चुका है शिविर

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर: रिपोर्ट: भैराराम तर्ड। ‘स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। आज के दौर की अव्यवस्थित दिनचर्या में स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।’ होम्योपैथी चिकित्सक एल.एन.शर्मा ने यह बात कही।वे रविवार को श्री हनुमान मंदिर लूणकरणसर में प्रारम्भ हुए नि:शुल्क होम्योपैथी चिकित्सा शिविर में बोल रहे थे। बजरंग धर्मार्थ ट्रस्ट एवं लूणकरणसर नागरिक सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का शुभारंभ किया गया। पूर्व प्रधान अजय गौड़ और साहित्यकार राजूराम बिजारणियां ने ‘सेवा परमो धर्म:’ की बात करते हुए कहा कि मानव का सबसे बड़ा धर्म ही मानव सेवा है। इस मौके पर बिजारणियां ने बताया कि ‘2007 से 2019 के दरमियान बारह साल तक लगातार संचालित नि:शुल्क होम्योपैथी शिविर कोरोना काल के कारण अवरुद्ध हो गया था, जो आज एक बार पुनः शुरू हुआ है।’ नागरिक सेवा समिति के विमल दुग्गड़ ने बताया कि अब हर रविवार को सुबह दस बजे से बारह बजे तक नि:शुल्क चिकित्सा परामर्श एवं निःशुल्क दवा वितरण जारी रहेगा, जिसमें डॉ.एल.एन.शर्मा अपनी निरन्तर सेवा देंगे। इस अवसर पर बजरंग धर्मार्थ ट्रस्ट अध्यक्ष पवन खेतान, पी.एन.बी. सहायक मैनेजर राजपाल न्यौळ, नागरिक सेवा समिति के विमल दुग्गड़, हंसराज थोरी, एडवोकेट मनोज कुमार जाखड़, नारायण सिंह चौधरी, सुशील कुमार बोथरा, अनिल स्वामी, संजय राव, अमजद हुसैन ने इस शिविर की उपादेयता पर अपने विचार रखे। इससे पूर्व होम्योपैथी के जनक हैनीमैन के छाया चित्र पर पुष्प चढ़ाकर शिविर का आगाज किया।