राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना को अगले पांच वर्षों तक जारी रखने को कैबिनेट ने दी मंजूरी


विनय एक्सप्रेस समाचार, नई दिल्ली।
 सरकार ने शिक्षा मंत्रालय की राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) को अगले पांच वर्षों तक जारी रखने का फैसला किया है। योजना के तहत वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक (31 मार्च 2026 तक) अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षुकों को 3,054 करोड़ रुपये की वृत्तिका सहायता देने के लिए अपनी मंजूरी दी है।

लगभग 9 लाख प्रशिक्षुकों को किया जाएगा प्रशिक्षित

पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) के अनुसार उद्योग और वाणिज्यिक संगठनों द्वारा लगभग 9 लाख प्रशिक्षुकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। एनएटीएस भारत सरकार की एक सुस्थापित योजना है, जिसने सफलतापूर्वक अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्रों की रोजगार क्षमता को बढ़ाने में योगदान दिया है।

3,000 करोड़ रुपये से अधिक के व्यय को मंजूरी मिली

सरकार ने अगले पांच वर्षों के लिए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के व्यय को मंजूरी दी है, जो पिछले पांच वर्षों के दौरान किए गए व्यय से लगभग 4.5 गुना अधिक है। अप्रेंटिसशिप में यह बढ़ा हुआ व्यय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा अप्रेंटिसशिप को दिए गए महत्व के अनुरूप है। इंजीनियरिंग, मानविकी, विज्ञान और वाणिज्य में स्नातक और डिप्लोमा कार्यक्रम पूरा करने वाले प्रशिक्षुकों को क्रमशः 9,000 रुपये और 8,000 रुपये प्रति माह की वृत्तिका (स्टाइपेन्ड) दी जाएगी।

कौशल इको-सिस्टम को मजबूत करना है इस योजना का लक्ष्य

‘‘सबका साथ, सबका विकास-सबका विश्वास, सबका प्रयास’’ के बारे में सरकार द्वारा दिए जा रहे जोर को ध्यान में रखते हुए इंजीनियरिंग स्ट्रीम के छात्रों के अलावा मानविकी, विज्ञान और वाणिज्य के छात्रों को भी इस योजना में शामिल करने के लिए एनएटीएस के दायरे का और विस्तार किया गया है। इस योजना का उद्देश्य कौशल इको-सिस्टम को मजबूत करते हुए कौशल स्तर के मानकों में बढ़ोतरी करना है, जिसके परिणामस्वरूप यह योजना अगले पांच वर्षों में लगभग 7 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध़ कराएगी।