विनय एक्सप्रेस समाचार,बीकानेर। राजस्थान सम्पूर्ण राष्ट्र में अपनी संस्कृति तथा प्राकृतिक विविधता के लिए पहचाना जाता है। बीकानेर में स्थित सेठ तोलाराम बाफना एकेडमी में एक नया विश्व इतिहास रचा गया। बाफना स्कूल के सी. ई. ओ. डॉ परमजीत सिंह वोहरा ने बताया कि बीकानेर के पगड़ी कलाकर पवन व्यास ने 10ः30 बजे साफे बांधने शुरू किए एवं 1 घंटे मे 205 साफे बांध दिए। पवन ने पूर्व के रिकॉर्ड को महज 38 मिनट मे 130 साफे बाधकर तोड़ दिया। साफे बांधने का सिलसिला यही नही रुका देखते ही देखते पवन व्यास ने सिर्फ 60 मिनट मे 205 साफे बांधकर एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित कर दिया.
पवन व्यास बताया कि उनके द्वारा समय समय पर किये जाने वाले कार्यक्रम न केवल राजस्थानी कला-संस्कृति के सरंक्षण का कार्य करते है साथ ही राजस्थानी कला संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास भी रहा है जिनमे उनकी सरकार से मांग है कि 16 दिसम्बर को पगड़ी दिवस के रूप में मानया जाये और साल में एक दिन सरकारी व गैरसरकारी अधिकारी / कर्मचारीं राजस्थानी पगड़ी पहन कर कार्य करे। जिससे इस कला को बढ़ावा मिल सके और ये हमारी कला – संस्कृति हमेशा जीवित रहे।राजस्थान के रीति- रिवाज, यहां की वेशभूषा तथा भाषा सादगी के साथ-साथ अपनेपन का भी अहसास कराते है। राजस्थान के लोग रंगीन कपड़े और आभूषणों के शौकीन होते हैं। राजस्थान के समाज के कुछ वर्गों में से कई लोग पगड़ी पहनते हैं, जिसे स्थानीय रूप से साफा, पाग या पगड़ी कहा जाता है। पगड़ी राजस्थान के पहनावे का अभिन्न अंग है। पगड़ी सिर के चारों ओर विभिन्न व विशिष्ट शैलियों में बाँधी जाती है तथा ये शैलियां विभिन्न जातियों और विभिन्न अवसरों के अनुसार अलग-अलग होती है। रियासती समय में,पगड़ी को उसे पहनने वाले की प्रतिष्ठा (आन) के रूप में माना जाता था।
इसी ऐतिहासिक परम्परा को आगे बढ़ाने का जिम्मा ऊठाया है बीकानेर के कलाकार पवन व्यास ने, व्यास पहले भी अंगुलीयों पर सबसे छोटी व दुनिया की सबसे बड़ी राजस्थानी पाग – पगड़ीयां बांध कर विश्व में बीकानेर – राजस्थान का नाम रोशन कर चुके है।
पवन व्यास के रिकॉर्ड –
प्रथम –
वर्ष 2019 में व्यास ने 1-3 सेंटीमीटर की सबसे छोटी 10 अलग अलग तरह की पगड़ी अपनी हाथो की अंगुलियों में बांध कर अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करवाया था । जो 1 मीटर लम्बे व 1 इंच छोटे कपड़े से 1से 3 सेंटीमीटर की पगड़ी बनाई ।
द्वितीय –
बनाई विश्व की सबसे बड़ी पगड़ी
पगड़ी के कपड़े लम्बाई: 478.50 मीटर (1569.86 फुट)
पगड़ी: 55 पगड़ी (8.7 मीटर प्रत्येक)
पगड़ी बंधने के बाद परिधी: 7 फुट 8 इंच
लम्बाई व चैड़ाई: लगभग 2 फुट से अधिक
समय: लगभग 30 मिनट
दिनांक – 16.12.2021
दर्ज – वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन व ओ एम जी बुक ऑफ रिकॉर्ड ।
तृतीय (16 दिसम्बर 2021) –
60 मिनट में विश्व मंे सर्वाधिक साफे बांधने का विश्व रिकॉर्ड ।
समय – 60 मिनट (सुबह 10ः30 से 11ः30 बजे तक)
साफे बांधे – 205
(पुराना रिकॉर्ड 60 मिनट में 129 साफे बांधकर पुणे के संतोष रावत द्वारा बनाया गया था )
12 वर्ष से लगे है जनता की सेवा में:
मानव के क्रमिक विकास के साथ ही उसके वस्त्र-परिधान का भी विकास होना प्रारम्भ हो गया। समय के साथ उसके आचार-व्यवहार, रहन-सहन, खान-पान आदि में बदलाव आया उसी प्रकार उसकी वेशभूषा में भी बदलाव आया। वर्तमान में एक ओर राजस्थानी वेश भूषा और भाषा का प्रचलन कम होता दिख रहा है तो एक ओर बीकानेर के 21 साल के युवा पवन व्यास राजस्थान की अद्भूत संस्कृति बचाने में लगे है। व्यास पिछले 12 वर्षो से साफा बांधने का कार्य कर रहे है, विभिन्न प्रकार के साफे बांधने की कला में माहिर व्यास ने अभी तक हजारों साफे निःशुल्क बांध दिये। उनका कहना है कि मेरा उद्देश्य केवल समाज में साफे की साख बचाएं रखना है। व्यास ने अपनी इस कला का श्रेय अपने गुरूपिता पं. बज्रेश्वर लाल व्यास व चाचा गणेश लाल व्यास को दिया। किकाणी चैक स्थित व्यास परिवार पिछले 4 दशक से अधिक समय से समाज में निःशुल्क साफा बांधने का कार्य कर रहा है। व्यास ने बताया कि वह आदमीयों के सर पर तो साफा बांधते ही है साथ में गणगौर महोत्सव में ईसर व भाये के लिए, श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर लड्डू गोपाल के व विभिन्न अवसरों पर विभिन्न प्रकार के साफे बांधते है।
कार्यक्रम के अंत में बाफना स्कूल के सी. ई. ओ. डॉ परमजीत सिंह वोहरा ने कार्यक्रम मे पधारे सभी आगंतुओ का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम मे पं. ब्रजेश्वर लाल व्यास, डाॅ. अमित पूरोहित, एस एम गोपाल आचार्य, जितेन्द्र शर्मा, रेणू हर्ष, राहुल व्यास, प्रफ्फुल पुरोहित आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।