कृृषि विद्युत उपभोक्ताओं को राहत राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में लिए बड़े फैसले

Bhanwar Singh Bhati

किसानों को राहत प्रदान करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता – ऊर्जा राज्य मंत्री

विनय एक्सप्रेस समाचार,बीकानेर। प्रदेश के किसानों को राहत प्रदान करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में रहा है। किसानों के कल्याण के लिए पूर्व में भी अनेक निर्णय लेकर कृषि विद्युत उपभोक्ताओं को विभिन्न प्रकार से राहत प्रदान की जा रही हैं। किसानों को और राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई बड़े फैसले लिए है।ऊर्जा राज्य मंत्री श्री भवंर सिंह भाटी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में यह निर्णय लिया गया है कि विद्युत बिल की अत्यधिक बकाया राशि वाले कृषि उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए नियमित व कटे हुए कृषि विद्युत कनेक्शनों के उपभोक्ता 30 नवम्बर, 2021 तक की विद्युत बिल की बकाया राशि बिना ब्याज व पेनल्टी के 6 द्विमासिक किश्तों में जमा करा सकेगें। इसके लिए उपभोक्ता को 31 मार्च, 2022 तक सम्बन्धित सहायक अभियन्ता कार्यालय में आवेदन करना होगा। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि सामान्य श्रेणी ग्रामीण कृषि उपभोक्ता, जिन्होंने इस योजना का लाभ लिया है एवं समय पर किश्तों का भुगतान कर रहे है ऎसे उपभोक्ताओं को मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना में प्रतिमाह 1000 रुपए अतिरिक्त अनुदान का लाभ देय होगा।श्री भाटी ने बताया कि कृषि मीटर्ड श्रेणी उपभोक्ता जिनके मीटर सही है और सतर्कता जांच के दौरान सम्बद्ध भार स्वीकृत भार से अधिक पाया जाता है तो ऎसे प्रकरणों मे कोई सतर्कता जांच प्रतिवेदन तैयार नही किया जाएगा और बढे हुए भार को नियमितिकरण शुल्क लेकर नियमित कर दिया जाएगा। कृषि विद्युत उपभोक्ताओं की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है, जिसके अनुसार कृषि उपभोक्ताओं के विद्युत चोरी के प्रकरण में उपभोक्ता द्वारा वैधानिक दायित्व राशि की 10 प्रतिशत एवं सम्पूर्ण प्रशमन राशि जमा करवा दी जाती है तो उसके विद्युत सम्बन्ध को पुर्नस्थापित कर दिया जाएगा और प्रकरण को राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति में ले लिया जाएगा। इसके साथ ही यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि कृषि उपभोक्ता वैधानिक दायित्व राशि की 50 प्रतिशत व सम्पूर्ण प्रशमन राशि जमा करवा देता है तो सतर्कता जांच प्रतिवेदन का सहायक अभियन्ता के स्तर पर पूर्ण निस्तारण कर दिया जाएगा।वर्तमान में कृषि उपभोक्ताओं के बिजली चोरी के प्रकरणों में वैधानिक दायित्व राशि का आंकलन विनियामक आयोग द्वारा सम्बन्धित कृषि श्रेणी की अनुमोदित सम्पूर्ण टैरिफ, जोकि वर्तमान में सामान्य श्रेणी के कृषि उपभोक्ताओं के लिए रु. 5.55 प्रति यूनिट है, के अनुसार किया जाता है। अब यह निर्णय लिया गया है कि ऎसे मामलों में वैधानिक दायित्व राशि का आंकलन कृषि उपभोक्ताओं द्वारा देय अनुदानित दर जोकि वर्तमान में सामान्य कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए 0.90 पैसे प्रति यूनिट है, के अनुसार किया जाएगा।ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सामान की अनुपलब्धता के कारण कनेक्शनों में होने वाले विलम्ब को देखते हुए एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसके तहत बूंद-बूंद/फव्वारा/डिग्गी योजना के विद्युत कनेक्शन हेतु आवेदक स्वयं के स्तर पर निगम द्वारा अनुमोदित व विद्युत निरीक्षक द्वारा अधिकृत लाईसेन्सधारी के माध्यम से कार्य करवा सकता है। आवेदक को तकमीना अनुसार 5 प्रतिशत सुपरविजन राशि का मांग पत्र जारी किया जाएगा और आवेदक द्वारा आवश्यक सामग्री स्वयं के स्तर पर निगम के मापदण्डों के अनुरुप उपलब्ध एवं स्थापित करवाई जाएगी।