विनय एक्सप्रेस समाचार,बीकानेर-सुरनाणा-रिपोर्ट-भैराराम तर्ड। आज राज्य व देश की जीडीपी व आय में भूगर्भ विज्ञान का महत्वपूर्ण योगदान है, चाहे वह खनिज संपदा के क्षेत्र में हो या खनिजों के अन्वेषण में हों। जब भी हम सुबह उठकर आंखें खोलते हैं तो जो भी वस्तु दिखाई देती है, वे सभी भूगर्भ विज्ञान की ही देन है। हमारे राज्य का पश्चिमी क्षेत्र मरूस्थल व पेट्रोलियम पदार्थों के लिए प्रसिद्ध है, तो मध्य क्षेत्र अरावली पर्वतमाला अलग-अलग 81 खनिजों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस प्रकार राजस्थान राज्य में भूगर्भ विज्ञान विषय की महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन स्कूली शिक्षा में भूगर्भ विज्ञान विषय एवं व्याख्याताओं के पद नहीं होने के कारण राज्य के स्कूली बच्चों को इस विषय का ज्ञान नहीं हो पाता है। दुसरे राज्यों में यह विषय स्कूलों में पढ़ाया जाता है। हमारे राजस्थान में यह विषय विश्वविद्यालयो एवं कॉलेजों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर में जरूर पढ़ाया जाता है, लेकिन स्कूलों में नहीं होने के कारण इनकी जानकारी राजस्थान के छात्रों को कम ही होती है, साथ ही साथ बीएड व स्नातकोत्तर भूगर्भ विज्ञान उत्तीर्ण राजस्थान का मूल अभ्यर्थी बेरोजगारी का सामना करता है। राजस्थान सरकार ने भूगर्भ विज्ञान विषय की कक्षा 11वीं एवं 12वीं की पुस्तकें राजस्थान राज्य पुस्तक मंडल जयपुर द्वारा वर्ष 2010 में छपवाई गई थी, लेकिन स्कूलों में व्याख्याओं के पद सृजित नहीं होने के कारण आगे कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है।भूगर्भ विज्ञान विषय के व्याख्याओं के पद स्कूली शिक्षा में सृजित करने चाहिए ताकि राजस्थान राज्य के बच्चों को इस महत्वपूर्ण विषय की जानकारी मिल सके एवं बेरोजगार भूगर्भ विज्ञान विषय के अभ्यर्थियों को रोजगार मिल सके।