विनय एक्सप्रेस समाचार,हनुमानगढ़। महिला दिवस के उलक्ष्य में व माननीय राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार मंगलवार को जिला विधिक चेतना समिति की बैठक का आयोजन सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) श्रीमती संदीप कौर की अध्यक्षता में किया गया। उक्त बैठक में सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुरेश बिश्नोई, अध्यक्ष बार संघ श्री मनजिन्द्र सिंह लेघा, समाज कल्याण विभाग की प्रतिनिधि सुश्री अंकिता, अधिवक्तागण श्रीमती रेशमी सियाग, श्रीमती सुनीता वर्मा, श्री कानाराम वर्मा व श्री सुरेन्द्र कुमार उपस्थित हुए। श्रीमती संदीप कौर ने बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य लैगिंक असमानता रहा, किस प्रकार समाज से लैगिंक असमानता को दूर किया जा सकता है के विभिन्न बिन्दुओं जैसे महिलाओं को किस प्रकार शिक्षा से, चिकित्सा सुविधा में, सामाजिक व अर्थिक रूप से सशक्त कर लैंिगक असमानता को दूर किया जा सकता है।
सचिव श्रीमती संदीप कौर द्वारा केरल के समाज में महिलाओं की छवि पर चर्चा करते हुए बताया गया कि केरल में महिलाओं की सामाजिक व आर्थिक स्थिति अच्छी है वहां पर महिलाओं की स्थिति अच्छी होने के कारण वहां की शिक्षा, चिकित्सा आदि व्यवस्थाएं शक्तिशाली है वहां के सोशल इंडिगेटर स्ट्रॉग है। इसी प्रकार यूरोपीय देशों का भी उदाहरण देते हुए बताया गया कि वहां पर समस्त समावेशी वृद्धि पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है एवं वहां पर समाज के सभी वर्ग बिना किसी भेदभाव जैसे जाति, धर्म, लिंग, रंग, उम्र आदि किसी प्रकार का भेदभाव नही किया जाता है जिसके कारण वहां पर महिला सशक्तिकरण व लैगिंक असमानता जैसे मुद्दे नहीं है इसी प्रकार यदि भारत में भी सभी वर्गों को एक साथ लेकर चला जाए एवं समस्त समावेशी वृद्धि पर ध्यान दिया जाये तो भारत के समाज में भी महिलाओं की स्थिति सुढ़ृढ़ बनेगी।
इसी क्रम में सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुरेश बिश्नोई ने बताया कि वर्तमान में भारत की स्थिति पूर्व भारत की स्थिति से अच्छी एवं सुढ़ृढ़ बन रही है एवं अब लिंगानुपात भी 1000 से अधिक हो गया है पूर्व की तुलना में वर्तमान में महिलाओं की समाज में छवि स्पष्ट हुई है अध्यक्ष बार सघ द्वारा उक्त का समर्थन करते हुए अपना मत व्यक्त किया गया कि कामकाजी महिलाओं ने कोविड-19 परिस्थितियों के मध्यनजर अपने कारोबार को ढ़ाल लिया है एवं अपना कारोबार भी बढ़ाया गया है। श्रीमती रेशमी सियाग द्वारा मत व्यक्त किया गया कि उनके द्वारा पारिवारिक मामलों में कांउसलिंग की जाती है तथा उन्हें वर्तमान में महिलाएं पूर्व से ज्यादा शिक्षित एवं अपने अधिकारों से जागरूक पाई गई है उक्त का समर्थन अधिवक्ता श्री कानाराम वर्मा व श्री सुरेन्द्र कुमार द्वारा किया गया। बैठक में महिलाओं के समग्र विकास पर चर्चा भी की गई और यह पाया गया कि यदि महिलाओं के चिकित्सीय, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा लॉ एण्ड ऑर्डर को अहम मुददा मानते हुए उक्त बिन्दुओं पर कार्य किया जाये तो एक सुढ़ृढ़, स्वच्छ, विकसित समाज का निर्माण किया जा सकेगा एवं महिलाएं की भी निश्चित रूप से देश के विकास में भागीदारी बनेगी।