राजस्थान फ़ाउंडेशन ने यूक्रेन से आए छात्रों की मदद के लिए फिर बढ़ाया हाथ : प्रवासी राजस्थानियों के सहयोग से यूक्रेन से आए छात्रों के भविष्य के लिए कर रहे है प्रयास

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राजस्थान फाउंडेशन ने यूक्रेन से लौटे राजस्थान के मेडिकल विद्यार्थियों के भविष्य की संभावनाओं और अवसरों को तलाशने के लिए बुधवार को नई दिल्ली में महत्वपूर्ण वीसी का आयोजन किया।

गल्फ में बसे हुए प्रवासी राजस्थानियों के साथ आयोजित इस महत्वपूर्ण ऑनलाइन वीसी में प्रिंसिपल सेक्रेट्री मेडिकल एजुकेशन, श्री वैभव गालरिया, गल्फ मेडिकल यूनिवर्सिटी के चेयरमैन मोइनुद्दीन थुंबे, आरबीपीजी के चेयरमैन श्री केसर कोठारी, श्री आलोक भार्गव एवं जनरल सेक्रेटरी आरबीपीजी श्री रोमित पुरोहित मौजूद रहे।

वीसी के दौरान गल्फ की प्रतिष्ठित “गल्फ मेडिकल यूनिवर्सिटी” में यूक्रेन से लौटे मेडिकल के राजस्थानी विद्यार्थियों को एडमिशन की प्रस्ताव रखा गया। प्रस्ताव पर राज्य सरकार की तरफ से हर संभव सहयोग और गल्फ मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा यूक्रेन से लौटे इन मेडिकल स्टूडेंट्स को आगे पढ़ाई के अवसर प्रदान करने के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।


इस महत्वपूर्ण ऑनलाइन वीसी का संचालन राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त एवं यूक्रेन से लौट रहे राजस्थान के निवासियों की संपूर्ण व्यवस्थाएं देख रहे राज्य सरकार की ओर से नोडल अधिकारी श्री धीरज श्रीवास्तव ने किया।

श्री धीरज ने बताया कि युद्ध ग्रस्त यूक्रेन से लौटे इन मेडिकल स्टूडेंट्स की आगे की पढ़ाई किस तरह से सुनिश्चित हो इसके लिए जल्द ही एनएमसी को प्रस्ताव भेजेंगे।

उल्लेखनीय है कि युद्ध ग्रस्त यूक्रेन से लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स और उनके अभिभावक लगातार आयुक्त श्री धीरज श्रीवास्तव के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत से स्टूडेंट्स के भविष्य को सुरक्षित रखने और उनकी मेडिकल की पढ़ाई आगे जारी रखने के लिए सरकारी सहयोग की अपेक्षा कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की संवेदनशीलता और यूक्रेन में हुए संपूर्ण घटनाक्रम की पल-पल की जानकारी लेने और बच्चों को सकुशल वापस लौटाने की उत्सुकता और अभिभावक दृष्टिकोण को मद्देनजर रखते हुए आयुक्त श्री धीरज श्रीवास्तव ने इन मेडिकल स्टूडेंट्स की आगे की पढ़ाई से संबंधित समस्याओं के निराकरण को प्राथमिकता देते हुए वीसी का आयोजन करवाया। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कार्यरत प्रवासी राजस्थानियों के संगठन इसी तरह से इन बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए आगे आते रहेंगे।