सम्पर्क पोर्टल में दर्ज प्रकरणों को समय सीमा में निस्तारित कर : परिवादी को राहत पहुंचाएं अधिकारी – जिला कलक्टर

बिना आधार एवं ठोस कारण के प्रकरणों के रिजेक्ट नहीं करने के दिए निर्देश : जिला कलक्टर ने विस्तार से की प्रकरणों की समीक्षादिए निर्देश

विनय एक्सप्रेस समाचार, जैसलमेर। जिला कलक्टर डॉ. प्रतिभा सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों में एल-1 व एल-2 स्तर पर समय सीमा में निस्तारण कर परिवादी को राहत पहुंचावे ताकि इस पोर्टल के माध्यम से लोगों को राहत मिले एवं इसके प्रति उनका विश्वस भी बढ़े। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नियमित रूप से पोर्टल खोलकर उनके विभाग से सम्बन्धित दर्ज प्रकरणों को देखेगें एवं जो प्रकरण उनके स्तर से निस्तारण योग्य है, उनमें तत्परता से कार्यवाही कर आमजन को राहत प्रदान करे।

जिला कलक्टर डॉ. सिंह ने गुरुवार को जिला कलक्ट्री सभाकक्ष में आयोजित राजस्थान सम्पर्क पोर्टल, राजस्थाल लोक सेवाओं के प्रदान की गारण्टी अधिनियम एवं राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के सम्बन्ध में आयोजित अधिकारियों की बैठक में यह निर्देश दिए। बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. टी. शुभमंगला, अतिरिक्त जिला कलक्टर हरिसिंह मीना, सचिव युआईटी सुनिता चौधरी, उपायुक्त उपनिवेशन जब्बर सिंह चारण, उपखण्ड अधिकारी जैसलमेर दौलतराम चौधरी, फतेहगढ़ दिनेश विश्नोई के साथ ही सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

पोर्टल के माध्यम से लोगों को पहुंचाएं राहत

जिला कलक्टर डॉ. सिंह ने जिन विभागों के प्रकरण समय सीमा में निस्तारित नहीं हुए है, उनकों विशेष रूप से हिदायत दी की वे प्रकरणों का निस्तारण प्राथमिकता से करें। साथ ही उन्होंने जिन विभागों के प्रकरण अधिक संख्या में थे, उन विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे समय सीमा में पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों का निस्तारण कर सम्बन्धित लोगों को राहत प्रदान करे।

बिना ठोस कारण के प्रकरण को रिजेक्ट नहीं करे

उन्होंने समीक्षा के दौरान पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों में संतुष्टि के स्तर के प्रतिशत की भी चर्चा की एवं अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे संतुष्टि की दर में सुधार लाएं एवं परिवादी को वास्तविक लाभ पहुंचाकर उन्हें संतुष्ट करे। उन्होंने यह भी हिदायत दी की जो विभाग बिना ठोस कारण के प्रकरण रिजेक्ट करेगा तो उसका पूर्ण रूप से सत्यापन करवाया जाएगा एवं उचित कारण नहीं होने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही भी अमल में लायी जाएगी, इसलिए अधिकारी बिना ठोस कारण के प्रकरण को रिजेक्ट नहीं करे, इस बात का विशेष ध्यान दे।

संवेदनशीलता से कार्य कर प्रकरण का निस्तारण करे

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप अधिकारियों को सम्पर्क पोर्टल में दर्ज प्रकरणों के सम्बन्ध में पूर्ण संवेदनशीलता रखते हुए प्रकरण को निस्तारित कर सम्बन्धित व्यक्ति को राहत पहुंचानी है, तभी हम एक सुशासन प्रशासन की धारणा को पूरा कर सकेगे। उन्होंने कहा कि सम्पर्क पोर्टल में प्रकरणों के निस्तारण में सुधार लाने के साथ ही संतुष्टि एवं रिजेक्ट के प्रतिशत को हमें कम करना है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में एल-1 एवं एल-2 के प्रकरणों का अधिकारियों द्वारा सत्यापन भी करवाया जाएगा, इसलिए सभी अधिकारी इस मामले में गम्भीरता से कार्य करे एवं परिवादी के संतुष्ट नहीं होने पर प्रकरण को निस्तारित नहीं समझे।

ऐसे प्रकरणों को प्राथमिकता दे

जिला कलक्टर ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ ही अन्य आयोगों या वीआईपी स्तर के कार्यालयों जो भी परिवाद प्राप्त होते है, उनकों प्राथमिकता से लेते हुए निस्तारण करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

समय पर भेजे सूचना

उन्होंने राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारण्टी अधिनियम-2011 एवं राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम-2012 के मामलों में भी प्रत्येक माह की 5 तारीख तक सहायक निदेशक लोक सेवाओं को सूचना प्रेषित करने के अधिकारियों को निर्देश दिए।

इन्होंने दी जानकारी

बैठक के दौरान सहायक निदेशक लोक सेवाएं सांवरमल रेगर ने विभागवार सम्पर्क पोर्टल में दर्ज प्रकरणों, निस्तारित प्रकरणों के साथ ही रिजेक्ट किए गए प्रकरणों की प्रगति के बारें में विस्तार से अवगत करवाया। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि वे राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारण्टी अधिनियम के तहत प्रत्येक कार्यालय में उनकी दी जाने वाली सेवाओं से सम्बन्धित अपडेट सूचना पटट् दृश्य स्थल पर प्रदर्शित करेगे एवं रजिस्टरों को संधारण करेगे।