विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। जल संसाधन मंत्री श्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय ने सोमवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि परवन वृहद सिंचाई योजना में कोटा एवं बारां जिले के किसानों का देय मुआवजा राशि का पुनः परीक्षण करवाकर उचित मुआवजा राशि देने के प्रयास किये जायेंगे।
श्री मालवीय प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गये पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि वर्ष 2021 में अटरू अलग से नगरपलिका घोषित हो गई, लेकिन उससे पहले यह क्षेत्र छबड़ा नगरपालिका में था। उन्होंने बताया कि परवन वृहद सिंचाई परियोजना में किसानों को जो मुआवजा राशि दी गई वह राजस्थान नगरपालिका अधिनियम के आदेश 14 जून 2016 के अनुसार पुरानी दर से दी गई है। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मुआवजा राशि दो नगरपालिका क्षेत्रों में से एक नगरपालिका क्षेत्र की राशि मानकर देने के सम्बन्ध में जानकारी चाहे जाने पर उन्होंने आश्वस्त किया कि कहीं भी यदि किसानों को नियमानुसार कम मुआवजा राशि दी गई है तो इनकी पुनः जाँच करवाई जायेगी।
इससे पहले विधायक श्री पानाचन्द मेघवाल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्री मालवीय ने बताया कि परवन वृहद सिंचाई परियोजना हेतु आवाप्त भूमि का मुआवजा परवन वृहद सिंचाई परियोजना हेतु 23630 किसानों की 7060.22 हैक्टेयर भूमि आवाप्त की गई है तथा 260.69 हैक्टेयर भूमि अवाप्त की जानी शेष है । उन्होंने इसका विवरण सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने बताया कि परवन वृहद सिंचाई परियोजना हेतु 21716 किसानों को राशि रुपये 1951.95 करोड का मुआवजा भुगतान किया गया है तथा 1914 किसानों को मुआवजा दिया जाना शेष है ।
उन्होंने बताया कि मुआवजे का निर्धारण भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनव्र्यास्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अन्तर्गत धारा 11 की अधिसूचना जारी होने की तिथि को प्रभावी डीएलसी दर से मूल्यांकन कर राज्य सरकार के आदेश दिनांक 14 जून 2016 के अनुसार निकटतम शहरी क्षेत्रों की सीमा से अवाप्ति हेतु प्रस्तावित भूमि की दूरी के आधार पर देय प्रतिकर पैकेज के निर्धारण हेतु डीएलसी दर को निर्धारित गुणक से गुणा कर मुआवजा का निर्धारण कर उसमें 100 प्रतिशत सोलेशियम जोडा जाता है।
उन्होंने बताया कि डीएलसी दर पर धारा 11 की अधिसूचना प्रकाशन की तिथि से अवार्ड जारी होने की मुआवजा राशि का निर्धारण भूमि अवाप्ति अधिनियम 2013 के अनुसार निकटतम शहरी सीमा से दूरी के आधार पर गुणांक की गणना कर भूमि अवाप्ति अधिकारी द्वारा निस्तारण किया गया है ।