अवैध शराब पर अंकुश को लेकर कार्ययोजना तैयार, कई विभागों को मिली जिम्मेदारी

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जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी व पुलिस अधीक्षक श्वेता धनकड़ ने दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

विनयएक्सप्रेस समाचार नागौर। राज्य के भरतपुर और भीलवाड़ा जिलों में घटित अवैध शराब दुखान्तिका को लेकर राज्य सरकार ने अवैध शराब के कारोबार पर कठोरता से अंकुश लगाने संबंधी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। इसे लेकर राज्य के मुख्य सचिव निरंजन आर्य के निर्देशों की अनुपालना में जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक बुलाई गई।
बैठक में जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी व पुलिस अधीक्षक श्वेता धनकड़ ने अवैध शराब के निर्माण, बिक्री, भंडारण और परिवहन विक्रय पर अंकुश लगाने तथा आरोपियों की धरपकड़ करने व उनके विरूद्ध कठोर कार्रवाई को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ विचार-मंथन कर आगामी कार्ययोजना बनाई और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी सम्पतराम को निर्देश दिए कि सभी विद्यालयों में समयबद्ध कार्यक्रम रखते हुए विद्यार्थियों में नशे के दुष्प्रभावों का प्रचार-प्रसार कर उन्हें जागरूक किया जाए। उन्होंने अजमेर विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता आर.बी.सिंह को निर्देश दिए कि फील्ड स्टाफ के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाए कि जिले में कहीं पर भी बिजली कनेक्शन का उपयेाग ग अवैध रूप से शराब का निर्माण करने, शराब की भट्टी चलाने अथवा शराब निर्माण संबंधी अन्य गतिविधियों में नहीं हो। यदि ऐसा होना पाया जाता है तो इसकी सूचना तुरंत संबंधित पुलिस व आबकारी थाना को देवें।

जिला कलक्टर डाॅ. सोनी ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मेहराम महिया व जेएलएन राजकीय अस्पताल के पीएमओ डाॅ. शंकरलाल को निर्देश दिए कि जिला मुख्यालय पर स्थित चिकित्सालयों तथा जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर मेथेनाॅल एण्टीडाॅट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जावे। जिले में लाइसेंस युक्त मोलासिस इकाईयों की जांच आबकारी व पुलिस विभाग के सहयोग से की जाए तथा यदि कहीं पर मोलासिस का दुरूपयोग करना पाया जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावे।
जिला उद्योग अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि जिले में सभी औद्योगिक इकाईयों की जांच की जाकर यह सुनिश्चित किया जाये कि किसी भी इकाई द्वारा बिना वैद्य अनुज्ञापत्र के मेथेनाॅल आधारित उत्पाद (पेन्ट, वाॅर्निश, हेण्ड सेनेटाइजर, प्लास्टिक सामान इत्यादि) का निर्माण नहीं किया जाए। यदि किसी इकाई द्वारा अवैध रूप से मेथेनाॅल का उपयोग करना पाया जाएं तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जावें। सभी औद्योगिक इकाईयों का निरीक्षण कर रिपोर्ट निर्धारित समय पर प्रस्तुत की जाए। डाॅ. सोनी ने उप निदेशक अभियोजन कार्यालय के प्रतिनिधि अधिकारी से कहा कि जिले के सभी न्यायालयों में कार्यरत सहायक लोक अभियोजकों को अवैध शराब निर्माण तथा स्प्रिट निर्मित अवैध शराब के प्रकरणों में ठोस पैरवी करने हेतु निर्देशित किया जाए। बैठक में मौजूद जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय के निरीक्षक को निर्देश दिए गए कि जिले के किसी टेंकर मालिक अथवा ड्राईवर को मिथाइल एल्कोहल के परिवहन बाबत अनुज्ञापत्र जारी किया गया हो तो उसकी जांच कर यह सुनिश्चित किया जावे कि इनके द्वारा अनुज्ञप्ति का उल्लघंन नहीं किया जावे। अवैध मदिरा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने वाले वाहनों को चिन्हित करने में आबकारी व पुलिस विभाग की मदद करें।
डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने कहा कि पुलिस एवं आबकारी विभाग का निरोधक दल संयुक्त रूप से मुस्तैदी के साथ जिले में उपलब्ध जाब्ता का समुचित उपयोग अवैध शराब के निर्माण व बिक्री को रोकने की कार्रवाई करें। थाना स्तर पर आयोजित होने वाली सी.एल.जी. बैठकों में अवैध शराब निर्माण की प्रभावी रोकथाम को स्थायी एजेन्डा में शामिल किया जाए। पुलिस व आबकारी विभाग में संधारित होने वाली बीट बुक में कामिकों द्वारा अवैध शराब निर्माण व बिक्री की रोकथाम हेतु की गई सम्पूर्ण कार्यवाही का विवरण अंकित कराया जाए।
पुलिस अधीक्षक श्वेता धनकड़ ने निर्देश दिए कि राजमार्गों पर स्थित होटल-ढाबों की निरंतर जांच कर यह सुनिश्चित किया जावे कि इन ढाबों द्वारा मिथाइल एल्कोहल परिवहन करने वाले टेंकरों से मिथाइल एल्कोहल प्राप्त कर उससे शराब बनाकर नहीं बेची जावे। ढाबों पर जहरीली शराब बेचना पाये जाने पर ढाबा मालिकों पर कठोर कार्यवाही की जाए। साथ ही जिले में दैनिक मजदूरों के प्रवाह वाले क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाए। अवैध शराब के धंधे में लिप्त आदतन अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली जाए। सभी आबकारी निरीक्षक व पुलिस थानाधिकारी निरंतर क्षेत्र के उपखंड अधिकारी, पुलिस वृताधिकारी, तहसीलदारों के सम्पर्क में रहकर आपसी सामंजस्य से अवैध शराब की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्रवाई की जाए। जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि जिले में अवैध शराब निर्माण के चिन्हित किये गये गांवों (सी श्रेणी गांव) की सूची आबकारी विभाग व पुलिस विभाग आपस में साझा करें। इन गांवों की सूची क्षेत्र के उपखंड अधिकारियों को भी उपलब्ध कराई जावे। सूची में अंकित गांवो में विषेष निगरानी व धावों का कार्यक्रम रखा जावें।

मुखबिर योजना का समुचित प्रचार-प्रसार हो

जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बैठक में निर्देश दिया कि राज्य सरकार द्वारा संचालित मुखबिर प्रोत्साहन योजना का अधिकाधिक प्रचार किया जावे। जिले में मुखबिरी तंत्र मजबूत किया जावे तथा प्रभावी मुखबिरी देने वाले व्यक्तियों को उनके नाम गोपनीय रखते हुए उन्हें नियमानुसार प्रोत्साहन राषि दिये जाने के प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाएं। राजस्व, आबकारी व पुलिस विभाग के अधिकारियों की ब्लाॅक स्तर पर नियमित बैठकों का आयोजन किया जाएं तथा सूचनाएं साझा कर अवैध निर्माण की गतिविधियों के विरूद्ध ठोस कार्यवाही की जाएं। इस कार्रवाई का भी समाचार पत्रों व इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाए।
नवजीवन योजना में चयनित परिवारों को मनरेगा में दें रोजगार
जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बैठक में निर्देश दिए कि पुलिस एवं आबकारी विभाग द्वारा जिले में अवैध शराब के निर्माण में लिप्त परिवारों की सूची समाज कल्याण अधिकारी को उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद जवाहर चैधरी को निर्देश दिए कि आबकारी विभाग से अवैध शराब निर्माण वाले सी श्रेणी के गांवो की सूची प्राप्त कर इन गांवो में समाज कल्याण विभाग द्वारा नवजीवन योजना के अंतर्गत चयनित परिवारों को वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में मनरेगा योजना में रोजगार उपलब्ध करवाया जावे। समस्त ग्राम विकास अधिकारियों एवं पटवारियों को अपने-अपने क्षेत्र में निगरानी रखने, अवैध निर्माण की सूचना एकत्रित करने तथा उसे पुलिस व आबकारी विभाग के साथ साझा करने का निर्देश दिया जाए।
डाॅ. सोनी ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक रामदयाल मांझु को निर्देश दिए कि नवजीवन योजना में पूर्व सर्वे में चयनित परिवारों को नवजीवन योजना के अंतर्गत निर्धारित विभिन्न परिलाभ ( स्थायी संरचना निर्माण, कौषल प्रशिक्षण, शिक्षण व्यवस्था) उपलब्ध कराया जावे। आबकारी व पुलिस विभाग से अवैध शराब के धंधे में लिप्त चयनित जातियों के व्यक्तियों तथा परिवारों की नवीनतम सूची प्राप्त कर सर्वे से शेष रहे परिवारों को भी सूची में शामिल किया जावे। मद्यसंयम नीति के प्रचार-प्रसार हेतु तथा नशा मुक्त भारत अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। हस्ताक्षर अभियान सहित विभिन्न तरह की जागरूकता गतिविधियां आयेाजित की जाए।

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