विनय एक्सप्रेस समाचार, जोधपुर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के एक्शन प्लान माह मार्च के निर्देशानुसार मंगलवार, 22 मार्च को जोधपुर मुख्यालय पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर जिला की सचिव पूर्णिमा गौड़ द्वारा विश्व जल दिवस पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर जिला के सचिव न्यायाधीश गौड़ ने बताया कि 22 मार्च को पूरे विश्व में हर वर्ष विश्व जल दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1993 में एक सामान्य सभा के माध्यम से इस दिन को एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाने का निर्णय किया। इस अभियान में लोगों की जागरूकता बढाने के लिये जल के महत्व की आवश्यकता और जल संरक्षण के बारे में समझाने के लिये हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। पानी की आवश्यकता हर मनुष्यों को है। कहा भी गया है, जल है तो हम है या जल ही जीवन है। प्रकृति पर्याप्त जल प्रदान करती है ताकि मनुष्य खा सके और जीवित रह सके, लेकिन मनुष्यों ने अपने फायदे के लिए प्रकृति को परेशान करना शुरू कर दिया है। इसलिये प्रकृति के संरक्षण और विशेष रूप से पानी के बारे में जागरूकता बढाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय दिवस की आवश्यकता थी। जिस पर लोगों को प्रकृति के लिए बढती समस्याओं से सतर्क किया जाये और पृथ्वी पर दुनिया हर दिन प्रदूषित होती जा रही है। हमें यह जानना जरूरी है कि हम प्रदूषण को कैसे कम कर सकते है और हमारी प्रकृति को संरक्षित कर सकते है।
उन्होंने बताया कि यह निर्विवाद सत्य है कि सभी जीवित प्राणियों की उत्पत्ति जल में हुयी है। वैज्ञानिक अब पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों पर पहले पानी की खोज को प्राथमिकता देते है। पानी के बिना जीवन जीवित ही नहीं रहेगा। इसी कारणवश अधिकांश संस्कृतियांॅ नदी के पानी के किनारे विकसित हुई है। दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा आबादी जिसमें भारत में पीने योग्य पानी की कमी एक मजबूत समस्या है। भारत में कई राज्य कई गांव पानी की कमी से पीड़ित है, जिसके परिणामस्वरूप किसान आत्महत्या तक कर लेते है। भारत की अर्थव्यवस्था कृषि पर अत्यधिक निर्भर है और जल की कमी से कृषि बहुत कम होती है क्योंकि बारिश की कमी के कारण कम खेती की पैदावार होती है। इसके अलावा पानी के संसाधन जो उपयोग के लिये उपलब्ध है हमें उनका सही तरीके से उपयोग करना चाहिये। पानी हम सभी प्राणियों के जीवन में एक अहम भूमिका निभाता हैं।