भविष्य की खोज भाग्यं से बढ़ेगा भारत का गौरव

विनय एक्सप्रेस सामचार, जयपुर। गौरव उपाध्याय ने 16 साल तक लगातार अध्ययन करके यह साबित किया कि भारतीय ज्योतिष पाखंड नहीं संपूर्ण विज्ञान है।
गूगल ने भी इसे स्वीकारा
ज्योतिष यानी आपके भूत और भविष्य का पूरा लेखा-जोखा। हिंदुस्तानी ज्योतिष शास्त्र 5 से 10000 साल पुराना है। गूगल भी मानता है कि भारत का ज्योतिष शास्त्र 5 से 10000 साल पुराना शास्त्रीय ज्ञान है वक्त के साथ इस को मारने वाले जरूर बड़े पर इसकी वैज्ञानिकता और तथ्यों पर सवाल उठाने वालों की भी कमी नहीं रही। विज्ञान हमेशा तर्क और सत्य मांगता है ऐसे में ज्योतिष को विज्ञान साबित करने के लिए एक व्यक्ति ने पूरे 16 साल लगा दिए यह है गौरव उपाध्याय।
गौरव ने डाटा एनालिसिस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से एक ऐसी तकनीक विकसित की है जो किसी के भी भविष्य का 80 से 90% सटीक आकलन कर सकती है ज्योतिष को तकनीक से जोड़ने वाला यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर भी उपलब्ध है।


पागल कहने वालों को मिला जवाब
वैदिक ज्योतिष शास्त्र का उल्लेख विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथों यानी वेदों में भी मिलता है लेकिन जानकार अभी भी इस पर सवाल उठाते हैं वे इसे विज्ञान ना मानते हुए पाखंड ही समझते हैं ऐसे में ज्योतिष शास्त्र भौतिकी ज्यामिति या गणितीय विज्ञानों की कतार में सबसे आगे कैसे खड़ा होगा इस सवाल का जवाब ढूंढने में गौरव उपाध्याय ने 16 साल लगा दिए उन्होंने यह साबित किया कि ज्योतिष पूरी तरह से वैज्ञानिक आधार पर खरा उतरता है।


16 बरस तक जुनून के साथ जुटे रहे
गौरव ने अपने अथक प्रयास से हजारों ज्योतिषीय गणनाओं की पूर्णता वैज्ञानिक व्याख्या करने में सफलता प्राप्त की है गौरव ने न सिर्फ इन ज्योतिषी गणों को वैज्ञानिक ढंग से प्रमाणित किया है बल्कि उन्होंने अपनी टेक्नोलॉजी टीम के साथ मिलकर डाटा एनालिस्ट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ट एक ऐसी ऐप विकसित की है जो मनुष्य का भविष्य 80 से 90% सटीकता से सही बता सकती है इस ऐप का नाम उन्होंने भाग्यं रखा है गौरव के अनुसार या किसी का भविष्य जानने का पूर्ण वैज्ञानिक तरीका है क्योंकि इसमें एक मशीन विभिन्न घटनाओं के आधार पर भविष्य का आकलन करती है यह ऐप गूगल प्ले पर उपलब्ध है।
भारतीय ज्योतिष को दुनिया स्वीकार करेगी
गौरव ने वैदिक ज्ञान गंगा की एक अत्यंत महत्वपूर्ण विज्ञान ज्योतिष विज्ञान को भौतिकी एवं जैसे विज्ञान की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है यह एक ऐसा अभूतपूर्व उपलब्धि है जिससे पूरे विश्व में प्राचीन भारतीय ज्योतिष ज्ञान का न केवल डंका बज उठेगा वरण देश का मान भी बढ़ेगा।