विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। जिले में परिवहन विभाग से अधिकृत फिटनेस सेंटर जो वाहनों को फिटनेस प्रमाण जारी करने की मान्यता रखते हैं,लेकिन खुद ही नियमो को ताक में रखकर अनाधिकृत रूप से व्यावसायिक तौर पर संचालित हो रहे हैं तो सोचनीय विषय हैं कि ये फिटनेस सेंटर वाहनों की जांच –पड़ताल किस गुणवता से करते होंगे ? ऐसा ही एक प्रकरण यूआईटी के सामने आया तो यूआईआईटी बीकानेर ने मास्टर प्लान की अनुपालना में शामिल नही भूमि पर काबिज “श्री”बीकानेर फिटनेस सेंटर को व्यवसायिक गतिविधियों में शामिल होने के कारण सील कर बंद कर दिया।
इस कार्यवाही से अन्य संचालित फिटनेस सेंटरों में हड़कंप मच गया। न्यास तहसीलदार कालूराम रावत के अनुसार जयपुर -गंगानगर बाईपास पर जिस जमीन पर यह फिटनेस सेंटर संचालित हो रहा था।वह खातेदारी जमीन हैं,जिसका कन्वर्जन नही हो रखा।इस पर व्यवसायिक गतिविधि संचालित होने के कारण सेंटर को सील किया व न्यास टीम ने उक्त फिटनेस सेंटर को सील कर नोटिस भी चस्पा कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार परिवहन विभाग से मान्यता लेकर ऐसे ओर भी फिटनेस सेंटर व्यवसायिक गतिविधियों में संचालित हो रहे हैं और परिवहन विभाग भी आंखे मूंद कर ऐसे फिटनेस सेंटरों को मान्यता भी कागजातो की जांच -पड़ताल किए बिना ही जारी कर देता हैं।क्योंकि अधिकांश फिटनेस सेंटरों में परिवहन अधिकारियों की पारिवारिक अथवा रसूखदारो की भागीदारी सुनिश्चित होती हैं।
इस प्रकार संचालित फिटनेस सेंटरों से परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े होते हैं।