बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला कलेक्ट्रेट में नियंत्रण कक्ष स्थापित, बाल विवाह से संबंधित सूचना नियंत्रण कक्ष नंबर- 01552-260299 पर फोन कर दी जा सकती है, तुरंत होगी कार्रवाई
विनय एक्सप्रेस समाचार, हनुमानगढ़। अक्षय तृतीया (आखातीज) और पीपल पूर्णिमा के अबूझ सावे पर बाल विवाह रोकने के लिए जिला कलेक्टर श्री नथमल डिडेल ने अधिकारियों को निर्देश दिए है। जिला कलेक्टर ने सभी उपखंड अधिकारियों, विकास अशिकारियों और तहसीलदारों समेत महिला अधिकारिता विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, बाल अधिकारिता विभाग, बाल कल्याण समिति, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को जिले के विभिन्न क्षेत्रों विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अक्षय तृतीया (आखा तीज) पीपल पूर्णिमा पर होने वाले बाल विवाह की रोकथाम हेतु प्रभावी कदम उठाने हेतु निर्देशित किया है।
जिला कलेक्टर ने बताया कि 03 मई को अक्षय तृतीया और 16 मई को पीपल पूर्णिमा के अवसर पर अबूझ सावे हैं। इसमें बाल विवाह के आयोजन की प्रबल संभावनाएं रहती है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में बाल विवाह के आयोजन की संभावना ज्यादा रहती है। इस पर तहसील और ग्राम स्तर पर पद स्थापित संबंधित वृताधिकारी, थानाधिकारी, पटवारी, भू-अभिलेख निरीक्षक, ग्राम सेवक, ग्राम पंचायत सदस्य, कृषि पर्यवेक्षकों, महिला पर्यवेक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, अध्यापकों, नगर परिषद व नगर पालिका के कर्मचारियों, जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों, सरपंचों और वार्ड पंचों का सहयोग लेकर बाल विवाह पर प्रभावी रोक लगाई जाए।
जिला कलेक्टर ने बताया कि दोनों अबूझ सावों पर बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला कलेक्ट्रेट में एक नियंत्रण कक्ष 01552-260299 भी स्थापित किया गया है। जिस पर बाल विवाह की सूचना कोई भी दे सकता है। सूचना मिलते ही प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे बाल विवाह संपन्न कराने में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से सहयोगी बनने वाले पंडित, टेंट लगाने वाले, हलवाई, प्रिंटर, बैंड बाजा उपलब्ध करवाने वालों को भी कानून के प्रावधानों की जानकारी दें ताकि वे बाल विवाह में सहयोग न करें। साथ ही स्वयं सहायता समूह, किशोरी समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, साथिन इत्यादि के जरिए भी बाल विवाहों के विरूद्ध वातावरण बनाने के निर्देश दिए हैं।
श्री डिडेल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गांव में प्रमुख व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें बाल विवाह रूकवाने में सहयोग हेतु प्रेरित करें। साथ ही धार्मिक गुरुओं और विभिन्न धार्मिक संस्थानों को भी बाल विवाहों के दुष्परिणाम की जानकारी दें। ताकि वे बाल विवाह रूकवाने में सहयोग करें। उपखंड अधिकारी और तहसीलदार को बाल विवाह निषेध अधिकारी के रूप में सक्रिय रहकर बेहतर तरीके से कर्तव्यों का निर्वहन करने हेतु कहा है। सभी स्कूलों को भी निर्देशित किया गया है कि वो बाल विवाह के दुष्परिणामों व इससे संबंधित विधिक प्रावधानों के बारे में जानकारी बच्चों को दें। विवाह के लिए छपने वाले नियंत्रण पत्र में वर-वधु के आयु का प्रमाण पत्र प्रिंटिंग प्रेस वालों के पास रखने को भी निर्देशित किया गया है।