विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। विप्र महासभा, ब्राह्मण अन्तर्राष्ट्रीय संगठन, राजस्थान प्रदेश, सनातन दर्पण पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव समारोह के अन्तर्गत 1100 दीपों से दीममालिका, पूजन, महाआरती, ओम, स्वास्तिक, त्रिशुल की आकृति से दीप मालिका, 21 मंदिरों में एक साथ दीपोत्सव, पुजारियों एवं विशिष्टजनों का विप्र गौरव सम्मान का भव्य आयोजन देर रात तक स्थानीय लक्ष्मीनाथ जी मंदिर परिसर बड़ाबाजार, बीकानेर के प्रांगण में सम्पन्न हुआ।
प्रदेशाध्यक्ष पं. योगेन्द्र कुमार दाधीच ने बताया कि समारोह में अतिथि के रूप में श्री भगवती प्रसाद कलाल, जिला कलक्टर बीकानेर, श्री कन्हैयालाल कल्ला उद्योगपति एवं समाजसेवी, स्वामी श्री चन्द्रशेखरानन्द जी महाराज, श्री अरूण प्रकाश शर्मा, अति. निदेशक ओटी एस बीकानेर, श्री एन.डी. व्यास, पूर्व न्यायाधीश, जानकी नारायण श्रीमाली ‘शिक्षाविद्’ एवं अध्यक्ष श्री रातीघाटी आन्दोलन समिति, श्री राजकुमार किराडू सदस्य विप्र कल्याण बोर्ड, श्री वाई. के. शर्मा ‘योगी’, संयोजक यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक युनियन बीकानेर, श्री अजय कुमार पुरोहित एडवोकेट एवं पूर्व अध्यक्ष वार एसोशियेन बीकानेर, श्री काशीनाथ जोशी पूर्व मुख्य लेखा अधिकारी ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। सर्वप्रथम अतिथियों के द्वारा भगवान श्री परशुराम जी के चित्र का वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजन एवं दीप प्रज्जवलित कर समारोह की विधिवत शुरूआत की गई। इस अवसर पर 1100 दीपों की दीपमालिका, ओम, स्वास्तिक, त्रिशूल की आकृति पर दीप मालिका पूजन, महाआरती, एक साथ 21 मंदिरों में दीपोत्सव के धार्मिक आयोजन के पश्चात ‘‘विप्र गौरव सम्मान’’ का भव्य आयोजन भी हुवा। जिसमें 31 पुजारियों/विशिष्टजनों को दुप्पटा पहनाकर, श्रीफल एवं विप्र गौरव सम्मान का अभिनन्दन पत्र भेंट कर भव्य रूप से अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया, जिनमें श्री राजकुमार किराडू (सदस्य-विप्र कल्याण बोर्ड, राजस्थान सरकार), श्रीमती किरण गौड (सदस्य-किशोर गौड, बीकानेर), श्री राजेश दाधीच (मैनेजर, देवस्थान विभाग), श्री सुनील कुमार सेवग ‘मुन्ना महाराज’ प्रमुख पुजारी लक्ष्मीनाथ जी मन्दिर, बुलाकीदास सेवग, पुनमचन्द सेवग ‘बाबु महाराज’, महेश कुमार सेवग ‘गेरी महाराज’, श्यामसुन्दर देराश्री, राजेन्द्र कुमार सेवग ‘बड़ा मुन्ना’, सुखदेव व्यास एडवोकेट, अविनाश आचार्य, रामलाल ओझा, ओमप्रकाश भादाणी एडवोकेट आदि शामिल रहे।
अतिथियों का मार्ल्यापण, दुप्पटा पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर भव्य स्वागत संगठन के प्रदेशाध्यक्ष योगेन्द्र कुमार दाधीच, शंकरलाल जोशी, प्रमोद शर्मा, किशन पाण्डे, वैद्य श्री ओमप्रकाश गौड़, जिलाध्यक्ष मोहित दाधीच, सुशील पंचारिया, शिव प्रकाश दाधीच, ओमप्रकाश भादाणी, सनातन दर्पण की प्रधान सम्पादिका श्रीमती सम्पत दाधीच, द्वारकादास एडवाकेट, रामजीवन व्यास, गिरिराज रतन तिवाड़ी, कैलाश ओझा, महावीर सांखी, अक्षय पाण्डे, रामलाल ओझा, शैलेष झा, आशीष दाधीच, अशोक तिवाड़ी, मुन्ना पुजारी, श्याम सुन्दर देराश्री, श्री गणेशदास व्यास, गायत्री प्रसाद शर्मा, यज्ञ प्रसाद शर्मा आदि ने भव्य रूप से स्वागत किया तथा दीपमालिका की तैयारी में सहयोग किया।
पूजन पं. श्यामसुन्दर देराश्री, राजबाबू देराश्री, पं. गायत्री प्रसाद शर्मा ने कराया।
उद्बोधन – स्वागताध्यक्ष योगेन्द्र कुमार दाधीच ने सभी का स्वागत करते हुवे कहा कि संगठन द्वारा पिछले 17 वर्षों से लगातार यह आयोजन इसी परिसर में 1100 दीपों की दीपमालिका के साथ विभिन्न कार्यक्रमों के साथ किया जा रहा है। जो आप समाजजनों के सहयोग एवं मार्गदर्शन का ही परिणाम है। समय-समय पर आध्यात्मिक, सामाजिक, सेवा, स्वास्थ्य शिविरों आदि का आयोजन किये जा रहे हैं। जो लगातार जारी रहेंगे साथ ही समाजजनों के निरन्तर सहयोग की अपेक्षा की।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने भगवान परशुराम के जन्मोत्सव एवं बीकानेर स्थापना दिवस की सभी को बधाई देते हुवे कहा कि भगवान के अवतारों एवं महापुरूषों के आदर्शों को जीवन में साक्षात कर सर्व मानव जीवन के हितार्थ कार्य करना चाहिये साथ ही सदैव राष्ट्रीय हित में कार्य करना चाहिये। यही अच्छे व्यक्तित्व की निशानी है इससे व्यक्ति की उत्तरोतर प्रगति होते हुवे राष्ट्रीय हितों की रक्षा भी होती है। नर सेवा एवं राष्ट्रीय हितों की रक्षार्थ कार्य ही प्रसिद्धि दिलाते हैं।
कन्हैयालाल कल्ला ने कहा कि महापुरुषों के स्मरण करते रहने से व्यक्ति में अच्छे संस्कारों का निर्माण होते हुवे कृतित्व एवं व्यक्तित्व संवराता है। ऐसे आयोजन समाज की जीवन्तता हेतु आवश्यक है इसके लिये आयोजक साधुवाद के पात्र है। इन आयोजनों का विशाल स्वरूप हेतु हम सबको मिलकर प्रयास करना चाहिये।
स्वामी चन्द्रशेखरानन्द जी महाराज ने कहा कि भगवान श्री परशुराम जी न्याय के विरूद्ध शस्त्र एवं शास्त्र के पर्याय होते हुवे मानव कल्याण के प्रतीक अवतार है भगवान परशुराम जी स्त्री, धर्म, पीडित जन की रक्षार्थ अवतार के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने सनातन धर्म की जीवन्तता पर बल देते हुवे पाश्चात्य संस्कृति से युवा पीढ़ी को बचने का आह्वान करते हुवे कहा कि सनातन संस्कृति अनन्त है, जिसका ना आदि है ना अंत। ऐसे आयोजन आध्यात्म एवं धर्म की रक्षा में महत्वपूर्ण है इसके लिये संगठन धन्यवाद का पात्र है।
सभी अतिथियों ने अपने उद्बोधन में सामाजिक एकता पर बल देते हुवे आयोजनों में सक्रिय सहयोग का समाजजनों से आह्वान किया।
सनातन दर्पण पत्रिका की प्रधान सम्पादिका श्रीमती सम्पत दाधीच ने अतिथियों का आभार प्रकट किया। मंच संचालन योगेन्द्र कुमार दाधीच ने किया।