विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। राजस्थान पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में वर्षों से कार्य कर रहे अल्पवेतन भोगी कर्मचारियों को निकालने के खिलाफ शनिवार को सेवाप्रदाता के माध्यम से लगे कर्मचारियों ने विरोध प्रर्दशन कर कार्य का बहिष्कार किया।
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर आज तक दस से पंद्रह वर्षों से कार्य कर रहे अल्पवेतन कर्मचारियों को लगाने का आदेश जो विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी किया गया है उसमें विभागावार कर्मचारियों को कम कर दिया है। आदेश जारी होने के साथ ही ठेका कार्मिकों ने विरोध प्रदर्शन का रास्ता अख्तियार कर लिया है।
ठेका कार्मिकों की मांग है कि विभाग में आखिर कर्मचारियों को क्यों निकाला जा रहा है। क्या विभाग बंद कर दिया गया है या विश्वविद्यालय प्रशासन विभाग को सुचारू रूप से चला नहीं सकता है।
संघ के पदाधिकारी ने बताया कि विश्वविद्यालय में कुलपति एवं विश्वविद्यालय के अधिकारीयों के मध्य ठेका पद्धति के कर्मचारियों को लेकर अनुचित बिलों के भुगतान में भ्रष्टाचार के कारण वर्षोें से लगे अल्पवेतन भोगी कर्मचारियों को खमियाजा भुगतना पड़ रहा है।
जब से विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है तभी से यहां पर ठेका पद्धति के माध्यम से विश्वविद्यालय के कार्यों का संपादन किया जा रहा है फिर क्यों इन अल्पवेतन भोगी कर्मचारियों को विश्वविद्यालय प्रशासन निकाल रहा है।
जो कि नीतिगत गलत है। सभी कर्मचारियों ने धरना प्रर्दशन कर यह निर्णय लिया की यदि विश्वविद्यालय प्रशासन उक्त आदेश को विभागावार वापस नहीं लेता है तोे सभी कार्मिक सोमवार से अनिश्चितकाल धरने पर बैठकर कार्य बहिष्कार करेंगे एवं अपने हक की लड़ाई को तेज करेंगे।
जहां राज्य सरकार ठेका पद्धति को समाप्त करने पर मंथन कर रही है तथा साथ ही स्थाई करण की और कदम बढ़ा रही है, वही दूसरी तरफ विश्वविद्यालय अनुचित तरीके से कार्यवाही कर बेरोजगार कर रहा है।