विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। पत्रकारों, लेखकों और साहित्यकारों के वैचारिक क्रांति के मंच ‘राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम‘ की स्थापना के बाद 10 दिसम्बर 2011 को सबसे पहला कार्यक्रम जयपुर के पिंक सिटी प्रेस क्लब में किया गया। इस पत्रकार कार्यक्रम की सबसे अच्छी बात यह थी इसमें भाग लेने प्रदेश के दूरस्थ गांवो से लगभग 527 पत्रकार आए । उस समय जयपुर के कुछ पत्रकारों के लिए यह बात विस्मयकारी थी कि इतने पत्रकार एक नए संगठन के बुलाने पर कैसे आ गए । पत्रकारों की भीड़ बढ़ती ही जा रही थी और सभागार में जगह ही नही रही थी।
तत्कालीन और वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं आने वाले थे और राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री जितेन्द सिंह कार्यक्रम में पहुंच चुके थे । वरिष्ठ पत्रकारों की मौजूदगी में कार्यक्रम तय समय पर शुरू हो गया था। स्वयं सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त वरिष्ठ आईएएस श्री के.सी.मीणा भी अपनी टीम के साथ सभागार में मौजूद थे । वक्ता अपनी-अपनी बात कह रहे थे और तय समय सीमा पर कार्यक्रम समाप्ति पर था। किसी कारणवश मुख्यमंत्री अभी तक नही आ पाए थे और फोरम के संस्थापक अध्यक्ष अनिल सक्सेना ने कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा कर दी और आभार प्रकट कर दिया गया ।
राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम का पहला जयपुर मीडिया सम्मेलन बहुत ही सफल रहा था और उसी दिन शाम को संस्थापक अध्यक्ष अनिल सक्सेना के पास बधाई के मोबाइल लगातार आए जा रहे थे लेकिन वे दूसरे कार्यक्रमों की बात सोचते हुए जयपुर से निकल चुके थे।
इसके बाद फोरम ने पीछे मुड़कर नही देखा । एक साल में ही पत्रकारिता से जुड़े विभिन्न विषयों को लेकर उदयपुर, कोटा, अजमेर, जोधपुर, दौसा, माउन्ट आबू और फिर दिल्ली तक फोरम पहुंच चुका था।
दिल्ली काॅन्स्टिटयूशन क्लब में आयोजित फोरम के पत्रकार कार्यक्रम में जब वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव ने कहा कि अनिल जी, आप राजस्थान में ही फोकस करो तो उन्होने सीधा जवाब दिया कि* आप भी बाहर से यहां आकर पत्रकारिता कर रहे हो तो मैं चित्तौड़गढ़ से दिल्ली क्यों नही आ सकता हूं । इस घटना के बाद ही दिल्ली से ‘ललकार टुडे‘ मैगजीन का प्रकाशन शुरू किया गया । आज भी वरिष्ठ पत्रकार अनिल सक्सेना ने अपनी कर्मस्थली चित्तौड़गढ़ को ही बनाये रखा है।
अब तक राजस्थान के कई जिलों और विधानसभा क्षेत्रों में फोरम के द्वारा विभिन्न विषयों पर पत्रकार परिचर्चा, सेमीनार और गोष्ठियां आयोजित की जा चुकी है। इस फोरम से जुड़ने के लिए कोई भी सदस्यता शुल्क नही है । फोरम से लगभग 2000 पत्रकारों के अतिरिक्त लेखक और साहित्यकार भी जुड़े हुए है।
राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम ने प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय मीडिया आयोग के गठन करने की मांग भी की और इस बाबत् सुझाव दिये ।* जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुभाग अधिकारी श्री वी.बी. हरिहरन ने पत्र संख्या पीएमओपीजी/डी/2015/0141621 के जरिये बताया कि भारत सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नही है । फिर भी आपके सुझाव भविष्य में संदर्भ हेतु नोट कर लिए गए है। आज भी फोरम प्रयासरत् है कि राष्ट्रीय मीडिया आयोग का गठन हो ।
अभी कुछ माह पहले से फोरम के द्वारा एक नवाचार किया जा रहा है। इसके तहत दिवंगत पत्रकारों की स्मृति में राजस्थान प्रदेश के सभी 33 जिलों में ‘पत्रकार परिचर्चा‘ का आयोजन किया जा रहा है* और इसका विषय है ‘ पत्रकारिता का गिरता स्तर, जिम्मेदार कौन ?‘ आम लोगों में भी इस परिचर्चा की चर्चा होने लगी है कि पत्रकारजन ही अपने क्षेत्र में सुधार के लिए मुहिम चलाए हुए है।
राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम के संस्थापक अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार अनिल सक्सेना कहते है कि समाज की ऐसी कोई संस्था नही है जिसका स्तर गिरा नही हो लेकिन क्यों कि मेरा दायित्व है कि सबसे पहले मेरे अपने पत्रकारिता क्षेत्र के गिरते स्तर को सुधारने की बात करूं। हम प्रयास करें कि पत्रकारिता के गिरते स्तर को कैसे सुधारा जाए । सक्सेना यह भी कहते है कि ऐसा नही है कि फोरम के द्वारा कराई जा रही पत्रकार चर्चा से एकदम ही परिणाम आ जाएंगे लेकिन हमारे सतत् प्रयास जारी रहेंगे , कभी ना कभी तो कुछ सुधार आएगा ही ।
राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम के द्वारा प्रदेश के प्रत्येक जिले में चलाई जा रही इस मुहिम की सराहना करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के पत्रकारों , साहित्यकारों और लेखकों की स्मृति में जिलेवार ‘पत्रकार परिचर्चा‘ का आयोजन अच्छी परम्परा है। इससे एक-दूसरे के अनुभवों , विचारों एवं उपलब्धियों पर विचार-विमर्श करने का अवसर मिलता है। उन्होने कहा कि आशा है पत्रकार चर्चा के निष्कर्ष स्मृतिशेष पत्रकारों , लेखकों और साहित्यकारों के योगदान का स्मरण करने के साथ प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय नई पीढ़ी को सही दिशाबोध कराने की दृष्टि से सार्थक सिद्व होंगे।
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि फोरम के द्वारा दिवंगत पत्रकारों की स्मृति में पत्रकार चर्चाओं का आयोजन किया जा रहा है, उसके लिए साधुवाद । वसुंधरा राजे ने फोरम के कार्यक्रमों की सफलता के लिए शुभकामनाएं भी दी ।
इसी तरह राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने संस्थापक अध्यक्ष अनिल सक्सेना को पत्र लिखकर कहा कि फोरम दिवंगत पत्रकारों, साहित्यकारों और लेखकों के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में पत्रकार चर्चा का आयोजन कर रहा है। पूनियां ने इसे सकारात्मक पहल बताते हुए पत्रकार परिचर्चा के आयोजन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी ।
फोरम के प्रवक्ता पत्रकार गिरीश पालीवाल बताते है कि वरिष्ठ पत्रकार अनिल सक्सेना के द्वारा राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम के बैनर तले इस मुहिम की शुरुआत राजधानी जयपुर से की गई। जयपुर में वरिष्ठ पत्रकार श्री वीर सक्सेना की स्मृति में प्रथम पत्रकार परिचर्चा की शुरूआत की गई। इसके बाद प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय पर सूचना एव जनसम्पर्क कार्यलय में वरिष्ठ पत्रकार एव साहित्यकार अनुपम परदेशी की स्मृति में पत्रकार परिचर्चा आयोजित की गई।
इस कार्यक्रम में गिरीश पालीवाल, संदीप माली और हेमन्त सालवी की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।
फोरम के महासचिव अशोक लोढा बताते है कि भीलवाड़ा में वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार डाॅ. शिव प्रकाश त्रिवेदी की स्मृति में परिचर्चा का आयोजन हुआ। सचिव हेमन्त साहू के संयोजन में अजमेर जिले के ब्यावर में वरिष्ठ पत्रकार अतुल सेठी की स्मृति में भव्य पत्रकार परिचर्चा आयोजित की गई।
इसी क्रम में अलवर में पत्रकारिता जगत के बड़े नाम वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार श्री इशमधु तलवार की स्मृति में पत्रकार परिचर्चा का आयोजन हुआ। अलवर में प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार श्री जगदीश शर्मा, विनोद भारद्वाज, अशोक राही और पुरषोत्तम सैनी सहित अन्य वरिष्ठ पत्रकारों के साथ ही पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम मौजूद रही ।
इसके बाद भरतपुर जिले में वरिष्ठ पत्रकार एवं ब्रज भाषा के कवि रहे स्वर्गीय श्री मोहनलाल मधुकर की स्मृति में’ सम्भाग स्तरीय पत्रकार परिचर्चा का आयोजन सम्पन्न हुआ।* भरतपुर संभागीय अध्यक्ष मोरध्वज सिंह बताते है कि कार्यक्रम में संभागीय आयुक्त वरिष्ठ आईएएस सांवरमल शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक वरिष्ठ आईपीएस प्रसन्न कुमार खमेसरा, कलेक्टर आलोक रंजन और पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह मौजूद रहे और कार्यक्रम की अध्यक्ष अनिल सक्सेना ने की।
प्रदेश के दूसरे जिलों में पत्रकार परिचर्चाओं की घोषणा हो चुकी है और माह में दो कार्यक्रम कराये जाने की योजना बन चुकी है। सच तो यह है कि प्रदेश में राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम एक आंदोलन बन चुका है जिसमें पत्रकारों, लेखकों और साहित्यकारों की सहभागिता बढ़ती ही जा रही है।