विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। उरमूल डेयरी के उत्पादों को अधिकाधिक आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से इन दिनों उरमूल डेयरी बीकानेर अनेक प्रयास कर रही है। जिसके तहत आज डेयरी भवन से प्रबंध संचालक एस.एन. पुरोहित द्वारा सरस दुग्ध व दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता की जागरूकता के लिये फ्लेक्स एवं ऑडियो वाहन को झण्डी दिखाकर रवाना किया गया।उरमूल के प्रबंध संचालक ने उपभोक्ताओं से अपील की कि इस भीषण गर्मी में स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सरस दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों का सेवन अधिकाधिक करे। उन्होने कहा कि सरस दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद पारव्युरीकृत एवं एफएसएसएआई के मानकों के अनुरूप तैयार किये जाते है। जिससे बैक्टरियों एवं बीमारियों का खतरा कम होता है। खुले दुग्ध में नमक, शक्कर, युरिया आदि की मिलावटे होने की संभावना बनी रहती है, वहीं पर सरस दुग्ध व दुग्ध उत्पादों की एफएसएसएआई के मानकों के अनुरूप जांच करने के पश्चात् ही उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाया जाता है, जबकि खुले में बिकने वाला दुग्ध एफएसएसएआई के मानकों के अनुरूप नहीं होता है, जिसमें फैट व एसएनएफ की मात्रा नगण्य होती है। ऐसे में उपभोक्ताओं को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। इस अवसर पर उपभोक्ताओं से अपील की कि आप सरस दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद अधिक से अधिक उपयोग कर अपने स्वास्थ्य को लाभान्वित करे।इस अवसर पर सलीम भाटी, जी.एस. भाटी, दिलखुश मीणा, सुश्री तृप्ती व्यास, लीलाधर चौधरी, जगदीश गोदारा उपस्थित रहे।बीकानेर। उरमूल डेयरी के उत्पादों को अधिकाधिक आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से इन दिनों उरमूल डेयरी बीकानेर अनेक प्रयास कर रही है। जिसके तहत आज डेयरी भवन से प्रबंध संचालक एस.एन. पुरोहित द्वारा सरस दुग्ध व दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता की जागरूकता के लिये फ्लेक्स एवं ऑडियो वाहन को झण्डी दिखाकर रवाना किया गया।उरमूल के प्रबंध संचालक ने उपभोक्ताओं से अपील की कि इस भीषण गर्मी में स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सरस दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों का सेवन अधिकाधिक करे। उन्होने कहा कि सरस दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद पारव्युरीकृत एवं एफएसएसएआई के मानकों के अनुरूप तैयार किये जाते है। जिससे बैक्टरियों एवं बीमारियों का खतरा कम होता है। खुले दुग्ध में नमक, शक्कर, युरिया आदि की मिलावटे होने की संभावना बनी रहती है, वहीं पर सरस दुग्ध व दुग्ध उत्पादों की एफएसएसएआई के मानकों के अनुरूप जांच करने के पश्चात् ही उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाया जाता है, जबकि खुले में बिकने वाला दुग्ध एफएसएसएआई के मानकों के अनुरूप नहीं होता है, जिसमें फैट व एसएनएफ की मात्रा नगण्य होती है। ऐसे में उपभोक्ताओं को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। इस अवसर पर उपभोक्ताओं से अपील की कि आप सरस दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद अधिक से अधिक उपयोग कर अपने स्वास्थ्य को लाभान्वित करे।इस अवसर पर सलीम भाटी, जी.एस. भाटी, दिलखुश मीणा, सुश्री तृप्ती व्यास, लीलाधर चौधरी, जगदीश गोदारा उपस्थित रहे।