नहरबन्दी बढ़ने की स्थिति में जिला प्रशासन ने बनाई आपात कार्ययोजना, आवश्यक ऐहतियाती उपायों को दिया अंजाम,जिला कलक्टर ने अहम् बैठक लेकर दिए प्रभावी निर्देश,सुचारू पेयजल व्यवस्था के लिए शहर को 18 जोन में किया विभक्त,54प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारी
विनय एक्सप्रेस समाचार, जोधपुर। नहरबन्दी की अवधि बढ़ने से संभावित पेयजल समस्या से निपटने के लिए जोधपुर जिला प्रशासन द्वारा पेयजल प्रबन्धन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दृष्टि से व्यापक स्तर पर ऐहतियाती उपायों को सुनिश्चित करने की दिशा में प्रभावी कार्ययोजना का सूत्रपात किया गया है।
इस बारे में जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने प्रशासन तथा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों की अहम् बैठक में नहरबन्दी बढ़ने की स्थिति में पेयजल प्रबन्धन से संबंधित गतिविधियों की समीक्षा कर व्यापक कार्ययोजना तय की है।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर मदनलाल नेहरा, राजेन्द्र डांगा एवं हेमेन्द्र नागर, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता नक्षत्रसिंह चारण सहित विभागीय अधिकारी विनोद भारती, प्रकाश बाफना, जगदीश व्यास सहित प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
*इस वजह से करनी पड़ी हैं आपात व्यवस्थाएं*
बैठक में जानकारी दी गई कि जोधपुर शहर की जलापूर्ति का मुख्य स्रोत इन्दिरा गांधी नहर है जिसकी पंजाब तथा राजस्थान में मरम्मत के लिये इस वर्ष 60 दिनों की नहर बंदी वर्तमान में चल रही है। यह नहरी पानी 21 मई, शनिवार को पंजाब से प्रारंभ होकर 28 मई तक जोधपुर पहुंचना था और उसी के अनुरूप ही जोधपुर में जल संग्रहण की तैयारी की गई थी लेकिन सरहिन्द फिडर के पास मुख्य नहर टूट जाने के कारण अब इस नहर का पानी 2 जून तक जोधपुर पहुंचने की संभावना है।
*शहर को 18 जोन में विभक्त कर अधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारी*
इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जोधपुर शहर में नहर बन्दी के दौरान जलापूर्ति की व्यवस्था के पर्यवेक्षण व सुचारु रखने के लिए जोधपुर शहर के विभिन्न क्षेत्रों को 18 जोन में बाँट कर विभिन्न अठारह दलों का गठन किया गया है।
इन दलों में विभिन्न वार्डों के लिए प्रभारी अधिकारी, सह प्रभारी अधिकारी त्था समन्वयक अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इनमें नहर खण्ड प्रथम के लिए 5 जोन, नहर खण्ड द्वितीय के लिए 4 दल, नहर खण्ड तृतीय के लिए 5 दल तथा नहर खण्ड चतुर्थ के लिए 4 दलों को लगाया गया है।
जिला कलक्टर गुप्ता ने बताया कि दलों द्वारा आवंटित क्षेत्रों में जलापूर्ति प्रबन्धन के पर्यवेक्षण एवं सुचारू बनाए रखने के लिए कार्य किया जाएगा। इसके लिए प्रभारी अधिकारी, सह प्रभारी अधिकारी एवं समन्वयक अधिकारी के स्पष्ट दायित्व तय किए गए हैं।
*क्षेत्रीय भ्रमण कर सुनिश्चित करेंगे जलापूर्ति प्रबन्धन*
इसके अन्तर्गत प्रभारी अधिकारी आवंटित क्षेत्र तथा जनता से प्राप्त शिकायतों/पत्रों के निस्तारण के लिए सहप्रभारी एवं समन्वयक से चर्चा कर तुरन्त समाधान कराएंगे। इसके साथ ही निरन्तर क्षेत्र में भ्रमण करते हुए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों/जनता से सम्पर्क में रहेंगे तथा पेयजल आपूर्ति हेतु किसी भी परिवेदना को गंभीरता से लेते हुए तुरंत समाधान हेतु अपने क्षेत्र के सहप्रभारी एवं समन्वयक को निर्देशित करेंगे और तुरन्त वैकल्पिक स्रोतों से जलापूर्ति कराना सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने बताया कि सहप्रभारी निरन्तर अपने आवंटित क्षेत्र में भ्रमण करते हुए जल वितरण का सूद्वम स्तर पर निरीक्षण करते हुए व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाये रखने हेतु प्रयत्नशील रहेंगे।
इसी प्रकार समन्वयक अधिकारी अपने आवटित क्षेत्र में पेयजल सम्बन्धित किसी भी प्रकार की शिकायत/परिवेदना प्राप्त होने पर तुरंत वैकल्पिक स्रोतों से जलापूर्ति के प्रबनध सुनिश्चित करेंगे।
*नियंत्रण कक्ष संचालित*
पेयजल से संबंधित शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए जिला प्रशासन तथा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा शहर में 3 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। इनमें जिला प्रशासन द्वारा संचालित नियंत्रण कक्ष का फोन नम्बर 0291-250519 है। इसी प्रकार जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा संचालित नियंत्रण कक्ष के फोन नम्बर 0291-2651710 (प्रभारी अधिकारी – तरुण परमार, सहायक अभियन्ता -8660005824) तथा फोन नम्बर 0291 – 2651711(प्रभारी अधिकारी मनोज भुवण, अधिशासी अभियन्ता – 9460026360) हैं।