सरकार ने निभाया संरक्षक का फर्ज : मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना में प्रदेश का पहला प्रकरण जोधपुर में निस्तारित

शोक संतप्त परिवारों ने जताया मुख्यमंत्री का आभार

विनय एक्सप्रेस समाचार, जोधपुर। नियति ने उनके साथ जबर्दस्त वज्रपात करते हुए कहर ढाया और 2 परिवारों के 4 मासूमों को काल के क्रूर पंजे छीनकर ले गए। इस हृदयविदारक घटना के बाद शोक के सागर में डूबे परिवारों के लिए राज ने संरक्षक और मददगार का फर्ज निभाया और ढाढस बंधाते हुए सात दिन के भीतर आहत को राहत प्रदान की।
शोक और दुःख से भरी यह कहानी है जोधपुर के कालीबेरी के पाक विस्थापित भीलों की की बस्ती अम्बेडकर कॉलोनी की, जहाँ के दो परिवारों ने खान में एकत्रित पानी में डूब जाने से अपने 10 से 12 वर्ष आयु के चार बच्चों को खो दिया। गोविन्द के दो बेटे गोपाल (12 वर्ष) एवं टीकम(10 वर्ष) तथा रमेश के दो बेटे पूनमचन्द (11 वर्ष) एवं युवराज(10 वर्ष) 9 मई को घर से निकले लेकिन 10 मई को सुबह तलाशी पर खान में जमा पानी में डूबने से मृत्यु हो जाने की जानकारी मिली।
इस दुःखद घटना की जानकारी पाते ही मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने त्वरित संज्ञान लेते हुए संतप्त परिवारों को जल्द से जल्द आवश्यक सहायता देने के निर्देश दिए। इस पर जोधपुर जिला प्रशासन ने सारी औपचारिकताएं पूर्ण कर मात्र एक सप्ताह में मृतकों के आश्रित परिवारों को सहायता राशि पहुंचा कर सम्बल प्रदान किया।
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इनमें भारतीय नागरिकता प्राप्त रमेश को मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत 5 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई जबकि इसी दुर्घटना में पाक विस्थापित गोविन्द को मुख्यमंत्री से प्राप्त विशेष सहायता स्वीकृति के अनुरूप मुख्यमंत्री सहायता कोष से 2 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान प्रदेश में 1 मई 2022 को ही मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना लागू हुई है और इसके अन्तर्गत पहले ही माह में राजस्थान में जोधपुर का यह पहला प्रकरण रहा, जिसमें मृतकों के  आश्रित बीमित परिवार को 5 लाख रुपए का बीमा क्लेम स्वीकृत किया गया और वह भी सात दिन के अन्दर-अन्दर।
अपने कुल दीपकों को खो देने वाले शोक संतप्त दोनों ही परिवारों ने इस सहायता के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का दिल से आभार जताया है और कहा कि इस मुश्किल घड़ी में उन्होंने संरक्षक के रूप में भूमिका निभाकर जो सम्बल प्रदान किया है उसे वे ताजिन्दगी भुला नहीं पाएंगे।
पाक विस्थापित गोविन्द के परिवारजनों के शब्दों में भारतीय नागरिकता के लिए प्रतीक्षारत होने के बावजूद पाक विस्थापित परिवार को आपदा के इन क्षणों में मुख्यमंत्री ने विशेष अनुग्रह किया है, वह सिद्ध करता है कि उनके मन में आम जन के प्रति कितनी अधिक सहृदयता और संवेदनशीलता है।