सफलता की कहानी : जूट के ताने-बाने बुन रहे हैं समृद्धि की सुनहरी जाजम

राज की योजनाओं का प्रोत्साहन सँवार रहा है हस्तशिल्पियों की तकदीर

विनय एक्सप्रेस समाचार, जोधपुर। घर-परिवार की तकदीर सँवारने और हुनरमन्दों की तस्वीर बदलने में राज की योजनाएं अहम् भूमिका निभा रही हैं। प्रदेश सरकार द्वारा एक ओर जहाँ कौशल विकास के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षणों और प्रोत्साहन के लिए अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर जरूरतमन्द परिवारों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए हर स्तर पर ख़ास प्रयास किए जा रहे हैं।

इसी का परिणाम है कि कई परिवार सरकार की योजनाओं एवं कार्यक्रमों तथा प्रोत्साहन की बदौलत सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के साथ बहुआयामी विकास के स्वप्नों को साकार करने में जुटे हुए हैं।

प्रोत्साहन ने दिया तरक्की का सफर

इस दिशा में महिला अधिकारिता विभाग की पहल उल्लेखनीय रही है जिसके द्वारा प्रोत्साहन और मंच प्रदान करते हुए हस्तशिल्पियों को प्रोन्नत किया जा रहा है और उनके द्वारा उत्पादित माल के विपणन की सुविधा प्रदान की जा रही है। इससे जोधपुर के हैण्डीक्राफ्ट्स को प्रचार-प्रसार एवं प्रसिद्धि के साथ ही समृद्धि की डगर भी मिली है।

हाल के वर्षों में इस दिशा में बेहतर कार्य हुए हैं, जिन्होंने कई परिवारों की रंगत निखार दी है। राज की प्रोत्साहन गतिविधियों से अपने व्यवसाय को प्रगति प्रदान करने वालों में जोधपुर निवासी श्रीमती रूपा भंसाली एवं उनके पति श्री महेन्द्र भंसाली का नाम उल्लेखनीय है, जिन्होंने कुछ वर्ष पूर्व कोलकाता से जोधपुर आकर अपना व्यवसाय आरंभ किया और हस्तशिल्प के क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बनाई।

अरबन हाट ने दिया सम्बल

आर्थिक स्थिति कमजोर होते हुए भी बच्चों की पढ़ाई एवं माँ की देखभाल की जिम्मेदारी को अच्छी तरह निभाते हुए इन्होंने अपने परिवार के सहयोग से व्यवसाय आरंभ किया। इसी दौरान किसी सहयोगी ने कारोबार बढ़ाने की दृष्टि से अरबन हाट में सहभागिता निभाने के लिए प्रेरित किया। इस पर सन् 2006 में पहली बार जूट के बोतल बैग बनाए और अरबन हाट में इन्हें बेचना शुरू किया। इसमें ग्राहकों को ये बैग खूब पसन्द आए।

इससे प्रोत्साहित होकर भंसाली दम्पत्ति ने बाद में जूट की थैलियाँ व फैन्सी बैग बनाने का काम भी शुरू किया। स्वयं सहायता समूह के रूप में अर्से तक कार्य किया। महिला अधिकारिता विभाग से निरन्तर प्राप्त होते रहे प्रोत्साहन एवं सहयोग से समय-समय पर आयोजित अमृता हाट में भी भाग लिया और उत्पादों से कद्रदानों को रूबरू कराया।

अमृता हाट में अपना आर्टिजन कार्ड भी बनवा लिया। लगातार इस कार्य में व्यवसायिक दक्षता एवं कौशल विकास की बदौलत अपने व्यवसाय को बढ़ाया और प्रतिष्ठा हासिल की।

लगातार अथक प्रयासों से संघर्षों पर विजय प्राप्त करते हुए एक मुकाम पर पहुंचे रूपा भंसाली एवं महेन्द्र भंसाली बताते हैं कि इस दौरान कई समस्याओं से साक्षात् हुआ लेकिन धैर्य के साथ सभी का सामना किया।

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उत्पादों ने जगाया जनविश्वास

बाजार की मांग के अनुरूप अमृता हाट प्रदर्शनी में ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान मेंरखते हुए माल बनाया और वाजिब दाम पर बेचा। अपने व्यवसाय में उन्नति के मूल मंत्र के बारे में बताते हुए वे कहते हैं कि व्यवसाय के साथ-साथ हमने लोगों से मधुर व्यवहार, मजबूत रिश्तों एवं आत्मीय प्रेम भावनाओं को तवज्जो दी और इसी कारण प्राप्त जन विश्वास ने हमें प्रतिष्ठा दी। इसके लिए वे महिला अधिकारिता विभाग के सहयोग की सराहना करते नहीं चूकते।

उनका कहना है कि कोरोना काल जैसी विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने व्यवसाय को आगे बढ़ाने का भरसक प्रयत्न किया। उनके उत्पादों से प्रभावित होकर जोधपुर की कई संस्थाओं ने उनसे सम्पर्क किया और उत्पादों का ऑर्डर दिया। इस विश्वास पर खरा उतरते हुए बेहतर गुणवत्ता का सामान बनाकर उपलब्ध कराया।

प्लास्टिक मुक्त भारत की ओर एक कदम

जूट के उत्पादों के प्रति रुझान एवं इस दिशा में सृजन की पृष्ठभूमि बताते हुए भंसाली कहते हैं कि इसकी प्रेरणा उन्हें अपने पिता श्री बी.आर. भंसाली से मिली जो कि हेस्टिंग जूट मिल में सीईओ के पद पर रहे। उन्हीं का सपना था कि प्लास्टिक मुक्त भारत हो। इसी विचार को सामने रखते हुए पर्यावरण को संरक्षित एवं प्लास्टिक से मुक्त रखने के लिए उन्होंने जूट के उत्पादों को अपनाया और इस विचार आगे बढ़ाने के लिए समर्पित होकर जुटे हुए हैं। हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में उनकी अपनी दुकान भी है।

सरकार की ओर से हरसंभव प्रोत्साहन

महिला अधिकारिता विभाग के उप निदेशक श्री फरसाराम विश्नोई बताते हैं कि जोधपुर जिले में महिलाओं द्वारा बनाए जाने वाले उत्पादों के प्रति कद्रदानों में ख़ासा उत्साह है तथा विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न हाट मेलों व अन्य अवसरों पर इन हस्तिशिल्पियों को व्यापक प्रोत्साहन दिया जाता रहा है। इसी का परिणाम है कि जिले में हैण्डीक्राफ्ट्स से जुड़े क्षेत्रों, स्वयं सहायता समूहों तथा हुनरमन्द महिलाओं के लिए समृद्धि की ओर आगे बढ़ने के अवसरों का लाभ मिल रहा है।