“माटी परियोजना” द्वितीय चरण बैठक आहूत :  बीकानेर के 25 गांवों के 1250 किसानों का माटी परियोजना में किया जाना है चयन

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। किसानों को मृदा स्वास्थ्य, जैविक एवं संरक्षित खेती, फसल विविधिकरण, पशुपालन, कीट एवं व्याधि प्रबंधन और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति जागरुक करने तथा कृषि लागत मूल्य घटाने के साथ उत्पादन एवं आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य के साथ जिले में ‘माटी’ परियोजना की द्वितीय चरण के क्रियान्वयन हेतु बैठक आहूत की गयी। जिला कलक्टर माननीय भगवती प्रसाद की पहल पर ‘माटी’ परियजना के तहत जिले के पंाचों ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों से पांच-पांच गांवों का चयन किया जाएगा। इन गांवों में प्रत्येक चयनित किसान की कृषि आधारित गतिविधियों की विशेष मॉनिटरिंग की जाएगी।

डॉ उदयभान, सयुंक्त निदेशक कृषि (वि.) ने बताया कि जिला बीकानेर के पाँच विधानसभा क्षेत्र के 25 गांवों के 1250 किसानों को माटी परियोजना हेतु चयनित किया जाना है। क्रियान्वयन कृषि एवं कृषि संबंध विभाग यथा उद्यान, आत्मा, कृषि विपणन, सहकारिता एवं पशुपालन के साथ-साथ विश्वविद्यालय (एसकेआरएयू बीकानेर व राजूवास बीकानेर ), केवीके, काजरी, सीआईएएच, सीएसडब्लूआरआई, एनआरसीसी, नाबार्ड, एटीसी, अनुसंधान केन्द्र सभी की समन्वयन से गाँवों का चयन, कृषकों का चयन एवं उत्तरोत्तर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना है।

उप निदेशक कृषि (वि.) कैलाश चौधरी ने बताया कि माटी परियोजना के पहले चरण में 16 मई से 26 जून तक जिले के सभी गांवों में किसान गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। इन गोष्ठियों में किसानों से सीधा संवाद किया जाएगा। जिले के पच्चीस गांवों का चयन करते हुए इनमें किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन 25 गांवों में किसान की कृषि योग्य भूमि, मृदा की स्थिति, उपलब्ध संसाधन, वर्तमान में की जाने वाली खेती एवं आमदनी, आय एवं उत्पादन बढ़ाने की योजना तथा परिणाम संबंधी रेकार्ड संकलित किया जाएगा। सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ विभिन्न ऋण योजनाओं से इन क्षेत्रों के किसानों को जोड़ने के प्रयास होंगे। उन्होंने कहा कि परियोजना को प्रभावी तरीके से लागू करने में कृषि के अलावा पशुपालन, उद्यानिकी, सिंचित क्षेत्र विकास, नाबार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

इस बैठक में एन.डी. यादव निदेशक काजरी, सुभाष चंद्र निदेशक विस्तार एसकेआरएयू, एस.पी. सिंह केवीके बीकानेर, एमएल रेगर केवीके लूणकरणसर, एसआर मीणा सीआईएएच, राजेश नेनावत उपनिदेशक उद्यान, निर्मला सैनी निदेशक सीएसडब्लूआरआई, यशवंती जिला विस्तार अधिकारी बज्जू, के साथ विभागीय अधिकारियों ने भाग लिया।