विनय एक्सप्रेस समाचार, हनुमानगढ़। वैक्सीन चाहे नियमित टीकाकरण की हो अथवा कोविड से बचाव की। सभी का रखरखाव बहुत ही जिम्मेदारी और कुशल हाथों में किया जाता है। कोल्ड चेन कक्ष से लेकर स्वास्थ्य केन्द्र तक एक निश्चित तापमान में इन वैक्सीन को पहुंचाया जाता है। गुरुवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने जिला कोल्ड चौन स्टोर का निरीक्षण किया। उनके साथ डीएनओ सुदेश जांगिड़ भी उपस्थित रहे।
आरसीएचओ डॉ. विक्रमसिंह ने बताया कि वैक्सीन भंडारण, देखभाल, उपलब्धता, तापमान रखरखाव आदि का प्रबंध इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (इविन) के जरिये किया जाता है। किस स्वास्थ्य केन्द्र पर कितनी वैक्सीन उपलब्ध है, कितने की जरूरत है, कितने तापमान पर है, यह सब भी इविन के जरिये होता है। रखरखाव में तापमान का बहुत महत्व है। वैक्सीन को आइसलाइण्ड रेफ्रिजरेटर (आईएलआर) में रखा जाता है ताकि निर्धारित तापमान बनाए रखा जाए। फ्रिज का तापमान दो से आठ डिग्री सेल्सियस तक रखा जाता है। आईएलआर पर टेम्प्रेचर लोगर लगा होता है। इसमें दो सेंसर होते हैं, एक कोल्ड चेन (कमरे) का तापमान बताता है और दूसरा फ्रिज के अंदर का तापमान बताता है। सभी कोल्ड चेन का तापमान ऑनलाइन रहता है। तापमान अगर असामान्य होता है यानि कम या ज्यादा होता है तो जिला स्तर से लेकर सभी कोल्ड चेन हैंडल को पता चल जाता है। इसका यह फायदा होता है कि समय रहते तापमान को दुरुस्त कर लिया जाता है। इविन तकनीक से कोल्ड चेन कक्ष से लेकर जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक निगरानी रखी जाती हैं। एविन ऐप भारत सरकार ने यूएनडीपी के तकनीकी सहयोग से विकसित किया है। सिम और मेमोरी कार्ड युक्त टेंपरेचर लोगर वैक्सीन के फ्रिज पर लगाया जाता है। इविन की मदद से वैक्सीन की उपलब्धता रख रखाव, वितरण की मॉनिटरिंग एक क्लिक में हो जाती है। उन्होंने बताया कि आज उन्होंने सीएचसी संगरिया, पीएचसी दीनगढ़ में कोल्ड चौन प्वाईंट की जांच की। उनके साथ डीएसी संदीप कुमार भी उपस्थित रहे। एसीएमएचओ डॉ. पवन कुमार ने भादरा सीएचसी में कोल्ड चौन प्वाईंट की जांच की। समस्त बीसीएमओ ने भी खण्ड स्तर पर कोल्ड चौन प्वाईंट की जांच की।