मन को रखे नियंत्रण में – आचार्य महाश्रमण : आठ वर्षों पश्चात रूणिया बड़ाबास पधारे शांतिदूत

हमारे जीवन में तपस्वियो का विशेष योगदान:- बेनीवाल, रूणिया बड़ा बास में आचार्य महाश्रमण जी का बेनीवाल ने स्वागत कर लिया आर्शीवाद, पूज्यवर ने दी शुभ प्रवृति करने की प्रेरणा

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर-रूणिया बड़ाबास। रिपोर्ट भैरा राम तर्ड। 
जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी अपनी धवल सेना के साथ बीकानेर की ओर प्रवर्धमान है। आज प्रातः आचार्यश्री ने राजेरा ग्राम से मंगल विहार किया। मार्ग में श्रद्धालुओं के निवेदन पर उनके निवास स्थानों के समक्ष पूज्य प्रवर ने मंगल पाठ फरमाया। गुरुदेव का आशीर्वाद पाकर सभी धन्यता की अनुभूति कर रहे थे। विहार के दौरान शेरेरा ग्राम में भी गुरुवर का पदार्पण हुआ। ग्रामवासियों ने शांतिदूत का भावभीना स्वागत किया। वहां से प्रस्थान कर कुल लगभग 9 किलोमीटर का विहार कर आचार्यश्री रूणिया बड़ाबास पधारे। पुनः आठ वर्षों पश्चात अपने आराध्य को आपने आंगन पाकर श्रद्धालुओं में प्रफुल्लता छाई हुई थी।

मंगल प्रवचन में धर्मदेशना देते हुए शांतिदूत ने कहा – हमारा शरीर, वाणी एवं मन ये तीनों हमारी प्रवित्तियों के साधन है। शरीर जिससे पाप-युक्त प्रवृति भी संभव है पर व्यक्ति को पाप-मुक्त व धार्मिक प्रवृति करनी चाहिए। वाणी से किसी को कटु वचन न बोलें व हमारी वाणी में माधुर्य रहे ऐसा प्रयास रहना चाहिए और मन को पापकारी चिंतन से बचाएं यह कोशिश रहनी चाहिए। मन बड़ा चंचल होता है व भावों का निर्माता भी मन ही होता है। दूसरों की रक्षा करने से पहले हम अपनी व अपनी आत्मा की रक्षा की बात सोचें।

इस अवसर पर स्वागत करते हुए पूर्व मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल ने कहा कि हर व्यक्ति व्यस्थाओं के बीच जीवन जीता है हमें सत्य के मार्ग पर चलकर अहिंसा का अनुसरण करना चाहिए । आप जैसे तपस्वी ऋषि-मुनियों के तप के कारण ही हम जीवन व्यतीत कर रहे हैं कोरोना जैसी महामारी को हराना इसका जीवंत उदाहरण है कार्यक्रम में प्रधान लालचन्द आसोपा रूर्णिया बड़ा बास सरपंच राजू देवी अजीत भादानी मीरा सेठिया अंशिका खुशी ने अपने विचार व्यक्त किए। तेरापंथ समाज, महिला मंडल एवं कन्याओं ने गीत का संगान किया।