किसान का बेटा, सरकारी स्कूल में पढ़कर बना IAS

जो एक बार ठान लिया, फिर मुकाम मिलने तक पीछे मुड़कर नहीं देखा, जमवारामगढ़ के खवारानीजी के गांव के रहने वाले हैं प्रहलाद नारायण शर्मा

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। किसी अच्छे या बड़े काम के लिए उपयुक्त समय की राह मत देखो। बड़े और अहम काम के लिए हर दिन और हर क्षण अच्छा है। इसी बात को सही साबित करके दिखाया है जयपुर जिले की जमवारामगढ़ तहसील के छोटे से गांव खवारानीजी के रहने वाले प्रहलाद नारायण शर्मा ने। प्रहलाद ने आइएएस में ऑल इंडिया में 104वीं रैंक प्राप्त की है।

speedo

उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय उन सबको दिया जो इस संघर्ष की घड़ी में हमेशा साथ बने रहे। उनका कहना है कि माता-पिता ने खड़ा होेना सिखाया तो गुरुजनों ने चलना। इस में राह में आगे बढ़ता रहा तो भाई-दोस्त और समाज हमेशा मेरे साथ खड़े रहे।
किसान परिवार में जन्म, सरकारी स्कूल से शिक्षा
प्रहलाद का जन्म खवारानीजी के किसान मांगीलाल शर्मा के यहां हुआ। उन्होंने 12वीं तक की शिक्षा खवारानीजी स्थित सरकारी स्कूल से की थी। मांगीलाल शर्मा ने प्रहलाद के अलावा खेती के दम पर चार अन्य भाइयों की पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आज वे सब भी अपने पैरों पर खड़े हैं। किसान मांगीलाल का कहना है कि मैंने सभी बच्चों की पढ़ाई में किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी। आज बहुत अच्छा लग रहा है कि मेरे बेटे प्रहलाद ने आइएएस में 104 रैंक प्राप्त की है। इससे ना केवल मेरा नाम रोशन किया बल्कि पूरा पूरे जिले में अलग पहचान बनाई है।

मैन और इंटरव्यू पहली बार में क्लीयर
प्रहलाद ने बताया कि उन्होंने आइएस की तैयारी 2017 में शुरू की थी। तब से आइएएस प्री परीक्षा चार बार दी। उसमें से शुरुआती तीन साल में सफलता नहीं मिली। इस बार प्री परीक्षा पास करने के साथ ही मैन और इंटरव्यू भी क्लीयर कर लिया। प्रहलाद ने 2014 में एग्रीकल्चर में ग्रेज्युवेशन और 2्016 में भारतीय कृषि अनुंसधान संस्थान नई दिल्ली से पीजी किया। फिर 2017 में आइएएस की तैयारी शुरू की और अब 2्022 में सफलता मिली। प्रहलाद का कहना है कि वे शिक्षा, महिला सशक्तीकरण और एग्रीकल्चर में कार्य करना चाहते हैं, ताकि इन सबको आगे बढ़ाकर देश की तरक्की में सहयोग दे सकें।