भिक्षावृत्ति में शामिल लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण दें, पात्र लोगों को सरकार की योजनाओं से जोड़ें : मुख्य सचिव

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि जयपुर को भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाने के प्रयास जारी रखें जाएं। चिन्हित स्थानों से उन्हें हटाने के साथ ही, जरूरतमंद लोगों को श्रेणीवार विभाजित कर पुनर्वास गृहों में भेजा जाए और इच्छुक व्यक्तियों को प्रशिक्षण के लिए आजीविका एवं कौशल विकास निगम भेजा जाए। साथ ही, पात्रता रखने वाले व्यक्तियों को राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से जोड़ा जाए।

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श्रीमती शर्मा ने शुक्रवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग  की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जयपुर को भिक्षावृत्ति से मुक्त बनाने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के साथ ही अन्य सभी संबंधित विभाग समन्वय बनाकर मिशन के रूप में कार्य करें।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए प्रयास किए जा रहें हैं। विभाग द्वारा इस संबंध में  विस्तृत कार्ययोजना भी बनाई है। स्वयंसेवी संस्था, सार्थक मानव कुष्ठाश्रम के सहयोग से मानसरोवर में पुनर्वास गृह का संचालन किया जा रहा है। साथ ही, जालुपुरा स्थित राजकीय अम्बेडकर छात्रावास में अल्पकालिक रूप से पुनर्वास गृह संचालित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि शहर के चौराहों, रेल्वे स्टेशन, बस स्टेशन, धार्मिक स्थल और अन्य सार्वजनिक स्थलों से भिक्षावृत्ति में लिप्त एवं निर्धन व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें भिक्षा नहीं मांगने के लिए समझाया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा संचालित पुनर्वास गृह, बाल गृह, नारी निकेतन, मानसिक विमंदित गृह, वृद्धाश्रम गृह के साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से संचालित पुनर्वास गृहों में छोड़ने की व्यवस्था की जा रही है।

बैठक में जयपुर जिला कलक्टर श्री राजन विशाल, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त श्री अजयपाल लांबा सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।