आयुष्मान भारत-महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना में हुआ आंशिक बदलाव

अब तक 39 सरकारी और 2 निजी अस्पताल जुड़े योजना से

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। आयुष्मान भारत-महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के नवीन चरण में नागौर जिले के 39 सरकारी तथा 2 निजी अस्पताल जुड़ चुके है। योजना से अब तक प्रदेश के 735 सरकारी और 220 निजी अस्पताल जुड़ चुके है। योजना के लाभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए और अस्पतालों के योजना से जुड़ने की प्रक्रिया को और सुगम बनाने के लिए प्रावधानो में आंशिक बदलाव किया है।

डॉ. मेहराम महिया : मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी- नागौर

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मेहराम महिया ने बताया कि राज्य स्तर से प्राप्त निर्देशो के अनुसार योजना से जुड़ने के लिए निजी अस्पताल का दो वर्ष से लगातार कार्यरत होना अनिवार्य शर्त है, जिसके प्रमाण के रूप में अस्पताल को राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का दो वर्ष पुराना सर्टिफिकेट मांगा जाता था। अब राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अस्पताल के पास अगर दो साल पुराना सर्टिफिकेट उपलब्ध न हो तो नवीन सर्टिफिकेट के साथ योजना के पूर्ववर्ती चरण में, जननी सुरक्षा योजना में, सीजीएचएस, एक्स सर्विसमैन कॉन्ट्रीब्यूटरी स्कीम, राज्य बीमा और भविष्य निधि विभाग में से किसी भी एक योजना से कम से कम दो साल जुड़े होने का प्रमाण प्रस्तुत करने पर भी उसे विकल्प के तौर पर स्वीकार किया जाएगा। यह देखने में आया था कि कई बार हॉस्पिटल की जगह परिवर्तित होने पर राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का सर्टिफिकेट उसको नए सिरे से जारी होता था जिससे दो साल से कार्यरत होने की अनिवार्य शर्त से निजी अस्पताल योजना से जुड़ने से वंचित रह जाता था। अब इसमें आंशिक बदलाव करके यह प्रावधान किया गया है कि नाम और स्वामित्व बदले बिना अगर कोई अस्पताल अपना स्थान परिवर्तन कर रहा है, तो उसे पुराने और नए दोनों स्थान की समयावधि को मिलाकर कार्यरत समय माना जायेगा।

इसलिए उसे सभी जरूरी दस्तावेज और घोषणा पत्र विभाग को देना होगा। उन्होंने बताया कि योजना से जुड़ने वाले अस्पतालो में कार्यरत चिकित्सको का राजस्थान मेडिकल काउंसलिंग से रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है परंतु अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे ऐसे चिकित्सक, जिनकी सर्टिफिकेट अवधि समाप्त हो चुकी है अथवा नए के लिए जिसने आवेदन किया है, वो भी अपनी सेवाएं दे पाएंगे परन्तु अगले तीन माह में उनका रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट विभाग को प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। राज्य सरकार के प्राप्त निर्देशो के तहत सम्बंधित अस्पताल को एक घोषणा-पत्र और रजिस्ट्रेशन के लिए चिकित्सक द्वारा किया गया आवेदन पत्र विभाग को प्रस्तुत करना होगा।

आंखों और ईएनटी हॉस्पिटल की न्यूनतम बेड संख्या की अनिवार्यता को किया 30 से 10

योजना से जुड़ने वाले अस्पताल की कुल बेड संख्या की अनिवार्यता में भी आंशिक बदलाव कर आंखों और ईएनटी अस्पताल में न्यूमतम बेड संख्या को 30 से घटाकर 10 कर दी गई है। इससे इस श्रेणी के अस्पताल अब और ज्यादा योजना से जुड़ पाएंगे और लाभार्थियों को लाभ मिल पाएगा।