जयपुर। प्रदेश में बालक-बालिकाओं के अधिकारों के लिए काम करने और उनके संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए राजस्थान में ‘नेहरू बाल संरक्षण पुरस्कार’ दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह अहम फैसला लेते हुए ‘नेहरू बाल संरक्षण पुरस्कार योजना-2021’ को वित्तीय स्वीकृति तथा इसके दिशा-निर्देशों के प्रारूप को मंजूरी दी है।
गहलोत द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार, समेकित बाल संरक्षण सेवाएं (आईसीडीएस) योजना के तहत संचालित होने वाली इस पुरस्कार योजना का वार्षिक वित्तीय भार 5.59 लाख रूपये होगा, जिसे किशोर न्याय निधि से वहन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सभी बच्चों को बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा उनके अधिकारों के संरक्षण के उद्देश्य से राज्य बजट 2020-21 में 100 करोड़ रूपये की राशि से देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम से ‘नेहरू बाल संरक्षण कोष’ गठन की घोषणा की थी। इस कोष का उपयोग बच्चों की तस्करी और बाल मजदूरी जैसी अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए भी किया जाना प्रस्तावित है। इसी क्रम में बाल संरक्षण पुरस्कार योजना संचालित की जाएगी।