विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल की पहल पर ‘माटी’ परियोजना के द्वितीय चरण के तहत जिले के पांचों ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों से चयनित 25 गांवों व 1 हजार 250 किसानों के फॉर्म प्लान फाइनल करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम की बैठक बुधवार को कृषि भवन में आयोजित की गई।
संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. उदयभान ने बताया कि प्राप्त सर्वेक्षण प्रपत्रों का श्रेणीवार अवलोकन कर नोडल कृषि अधिकारियों द्वारा स्क्रूटनी कार्य पूर्ण कर लिया गया है। क्षेत्रीय आवश्यकता अनुसार फार्म प्लान के लिए सुझाव भी उपलब्ध करवा दिए गए हंै। सर्वेक्षण फार्म व स्क्रूटनी के आधार पर शीघ्र ही कृषि संबद्ध विभागों को पत्रावलियां भेजेगा और फार्म प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा।
उप निदेशक कृषि (वि.) कैलाश चैधरी ने बताया कि किसानों को मृदा स्वास्थ्य, जैविक एवं संरक्षित खेती, फसल विविधिकरण, पशुपालन, कीट एवं व्याधि प्रबंधन और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति जागरुक करने तथा कृषि लागत मूल्य घटाने के साथ उत्पादन एवं आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य के साथ जिले में ‘माटी’ परियोजना की द्वितीय चरण मे चयनित 1250 किसानो का फॉर्म प्लान तैयारी अंतिम चरणों में है।
स्क्रूटनी के पश्चात् कृषि एवं कृषि संबद्ध विभागों यथा उद्यान, आत्मा, कृषि विपणन, सहकारिता एवं पशुपालन के साथ-साथ विश्वविद्यालय (एसकेआरएयू बीकानेर व राजूवास बीकानेर), केवीके, काजरी, सीआईएएच, सीएसडब्लूआरआई, एनआरसीसी, नाबार्ड, एटीसी, अनुसंधान केन्द्र सभी का सहयोग लेते हुए परस्पर समन्वयन से फॉर्म प्लान तैयार करवाया जाएगा।
बैठक में उप निदेशक (पशुपालन) गीता बेनीवाल, सीएसडब्लूआरआई निदेशक डॉ. निर्मला सैनी, उपनिदेशक (उद्यान) राजेश नैनावत, सीएसआईएच के वैज्ञानिक डॉ. रूपचंद, डीडीएम नाबार्ड रमेश तांबिया, सहायक निदेशक (कृषि) डाॅ. रामकिशोर मेहरा, जिला विस्तार अधिकारी (बज्जू) यशवंती, माटी परियोजना प्रभारी कृषि अधिकारी सुभाष विश्नोई, कन्हैया लाल, सुरेन्द्र मारू, सीताराम सहित चयनित गांवो के सहायक कृषि अधिकारी मौजूद रहे।