विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर राज्य मंत्री ने गुरूवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि ब्लॉक बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय की स्थापना के लिए प्रस्ताव मिलने पर केंद्र सरकार को भेज दिये जायेंगे। केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही कार्यालय खोले जा सकेंगे। श्रीमती भूपेश प्रश्नकाल में विधायक श्री बलवीर सिंह लूथरा के पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि केंद्र से अनुमति नहीं मिलने से राजस्थान में वर्ष 2009-10 के बाद नई परियोजनाएं नहीं खुली है। फिर भी सदस्य द्वारा यदि प्रस्ताव बनाकर भेजे जायेंगे और केन्द्र से अनुमति मिलती है तो परियोजना कार्यालय खोल दिये जायेंगे।
उन्होंने बताया कि राज्य में कुल पंचायत समितियां 552 और आईसीडीएस की कुल परियोजनाऎं 304 है। उन्होंने बताया कि परियोजना एक लाख की आबादी पर खोली जाती है, लेकिन उसमें भी 17 प्रतिशत 6 आयु वर्ग से कम के बच्चे, तीन प्रतिशत 1 वर्ष से कम आयु, 6 प्रतिशत 1 से 2 आयु एवं 8 प्रतिशत 3 से 5 आयु वर्ग के बच्चे होने चाहिए।
उन्होंने बताया कि परियोजना के लिए 15 से 45 वर्ष बालिका और महिलाओं की संख्या 20 हजार अनुमानित हो एवं गर्भवती व धात्री माताओं की संख्या 4 हजार अनुमानित होनी चाहिए। साथ ही परियोजना खोलने की प्राथमिकता में, अगर वहां जनजातिय बाहुल्य क्षेत्र हो या अनुसूचित जाति क्षेत्र हो या सूखा ग्रस्त क्षेत्र हो, पिछड़ा क्षेेत्र हो, पोषक तत्व की कमी वाले क्षेत्र हो, सामाजिक क्षेत्र के विकास में कमी वाले क्षेत्र हो, प्रतिकूल पुरूष-महिला अनुपात हो या बाल श्रम करने वाले जिले हो, ऎसे सभी क्षेत्रों के वार्ड के चयन में नई परियोजनायें खोलने की प्राथमिकता दी जाती है।
इससे पहले विधायक श्री लूथरा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि ब्लॉक विजयनगर क्षेत्र बाल विकास परियोजना अनूपगढ़-विजयनगर (मुख्यालय अनूपगढ़) में समाहित है। उन्होंने बताया कि मानदेयकर्मियों को नियमित रूप से भुगतान किया जा रहा है। नियमित भुगतान हेतु विभाग द्वारा समय-समय पर अधीनस्थ कार्यालयों को निर्देशित किया जाता रहा है। विधानसभा क्षेत्र रायसिंहनगर की ग्राम पंचायत में 597 कुपोषित, 3 अति कुपोषित बच्चों व शून्य किशोरी बालिकाएं चिन्हित की गई है।