विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। लगातार हो रही बरसात के चलते शहर के ऐतिहासिक तालाबों में भरपूर मात्रा में बरसाती जल संग्रहित होने लगा है। वर्षों बाद सावन से पहले इन तालाबों में इतना पानी आया है। ऐसे में इस बार सावन में तालाबों में गंठे और गोठ का आनंद देखने को मिलेगा और ‘सावन बीकानेर’ की उक्ति चरितार्थ हो सकेगी।
उल्लेखनीय है कि संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन की पहल पर इन तालाबों और इनके आगोर क्षेत्रों में जिला प्रशासन की ओर से श्रमदान और सफाई का सघन और सतत अभियान चलाया गया था। इस दौरान पानी की आवक के मार्ग की साफ सुथरा किया गया। इन अभियानों में संभागीय आयुक्त के अलावा जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने श्रमदान किया। नगर निगम और यूआईटी के विभिन्न संसाधनों से भी इन तालाबों और आसपास के क्षेत्रों की सफाई की गई। वहीं स्थानीय संस्थाओं, ट्रस्टों और पर्यावरण प्रेमियों का भी प्रभावी सहयोग रहा।
बरसात के दौर में अब हर्षोलाब, संसोलाब, महानंद और धरणीधर तालाब, फूलनाथ बगीची सहित शहर के तालाबों में बरसाती जल संरक्षण हुआ है। संभागीय आयुक्त ने कहा कि आगामी दिनों में बीकानेर के इन परम्परागत जल स्त्रोतों के संरक्षण की दिशा में और अधिक कार्य किए जाएंगे तथा इन तालाबों को अधिक उपयोगी बनाया जाएगा।
इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत विभिन्न तालाबों के रख रखाव का कार्य हाथ में लिया जाएगा, जिससे इनका रूप और निखरेगा। उन्होंने बताया कि इन तालाबों में पानी आने से यह तालाब पर्यटन के केन्द्र बनेंगे। शनिवार शाम तक हुई बरसात से हर्षोलाब तालाब के किनारे पर लगभग 15 फुट और संसोलाब तालाब के बीच में लगभग 20 एवं किनारे लगभग 10 फुट पानी संग्रहित हुआ है।