विनय एक्सप्रेस समाचार, नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के ऑफिस पहुंच गई हैं. सवाल-जवाब शुरू होने से पहले अधिकारियों ने उनकी सेहत का भी हाल जाना. अधिकारियों ने उनसे ये भी पूछा कि क्या वो अपने बयान कंप्यूटर पर खुद दर्ज कर सकती हैं या लिखित रूप में दर्ज कराएंगी. वहीं सोनिया गांधी ने कहा कि उनकी बेटी प्रियंका गांधी को ईडी ऑफिस में ही रहने की इजाजत दी जाए क्योंकि उनके पास दवाइयां हैं. इसके अलावा वेंटिलेशन वाले कमरे और पूछताछ करने वाले अधिकारियों का कोविड टेस्ट और मास्क लगाए रखने की भी मांग की.
सूत्रों के मुताबिक ईडी ने भी इन सभी बातों का ध्यान रखा है. ईडी ऑफिस में सेंट्रलाइज एसी लगा है इसको देखते हुए कमरे की सभी खिड़कियां खोलकर रखी जाएंगी. पूछताछ करने वाली टीम पूरी तरह से वैक्सीनेटेड है और सभी अधिकारी मास्क लगाकर ही पूछताछ करेंगे. वहीं इस पूरी पूछताछ की रिकॉर्डिंग भी की जाएगी.
मिली जानकारी के मुताबिक सोनिया गांधी से पूछताछ करने से पहले ईडी के अधिकारियों की एक अलग से बैठक हुई थी जिसमें जांच टीम को ब्रीफ किया गया कि किस तरह से पूछताछ की जाएगी. जिसमें तय किया गया कि कोई भी अधिकारी सोनिया गांधी के करीब नहीं जाएगा और उनसे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उचित दूरी बनाए रखेगा.
गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड केस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उनके बेटे राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कई नेता जांच के दायरे में हैं. इससे पहले राहुल गांधी से ईडी लगातार कई दिनों तक पूछताछ कर चुकी है. राहुल गांधी से ईडी ने एक-एक दिन में 10-10 घंटे तक सवाल-जवाब किए हैं. कांग्रेस ने उस समय भी दिल्ली सहित कई शहरों में ईडी के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया था. वहीं सोनिया गांधी से हो रही पूछताछ को लेकर भी कांग्रेस सड़क से लेकर संसद तक प्रदर्शन कर रही है.
क्या है नेशनल हेराल्ड केस ?
साल 1938 में पंडित नेहरू ने नेशनल हेराल्ड नाम से एक न्यूज पेपर शुरू किया था. इस न्यूज पेपर पर मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड यानी एजीएल के पास था.
लेकिन 70 साल बाद साल 2008 में घाटे की वजह से अखबार को बंद करना पड़ा. आरोप है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सहमति से कांग्रेस के फंड से 90 करोड़ का लोन एजीएल को दिया गया. बाद में सोनिया और राहुल गांधी ने यंग इंडिया नाम से एक कंपनी बनाकर इस अखबार की संपत्ति पर कब्जा कर लिया. यंग इंडिया में सोनिया और राहुल के अलावा मोतीलाल वोरा और आस्कर फर्नांडिस की भी हिस्सेदारी थी.
दोनों का निधन हो गया. साल 2012 में सुब्रमण्यन स्वामी की ओर से एक याचिका दाखिल कर इस पूरे कथित सौदे पर सवाल उठा दिए. साल 2014 में सोनिया और राहुल के खिलाफ कोर्ट से समन जारी हुआ. इसके बाद ईडी इस मामले में जांच कर रही है. वहीं साल 2015 में दोनों नेताओं को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत भी दी गई है. वहीं साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों ने नेताओं को कोर्ट में सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश न होने की इजाजत दे दी लेकिन केस को बंद नहीं किया.