विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। राज्य सरकार की बजट घोषणा द्वारा राज्य बीमा एवं जीपीएफ योजनाओं में कार्य प्रक्रिया के अधीन स्वीकृतियों एवं भुगतान प्रक्रियाओं की जटिलताओं के सरलीकरण एवं ऑन-लाईन करते हुए दस्तावेजों की अनिवार्यता समाप्त किए जाने एवं डीम्ड तथा ऑटो अप्रूवल जैसे प्रावधान किए जाने की घोषणा की गई है।
जगदीश प्रसाद अतिरिक्त कोषाधिकारी एवं सहायक निदेशक राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग, नागौर ने बताया कि इसी परिपेक्ष्य में जिला कार्यालय नागौर द्वारा समस्त राज्य कर्मचारियों का बीमा एवं जीपीएफ योजना की पत्रावलियों का पुनरावलोकन किया जाकर जीपीएफ ओल्ड लेजर बीमानुबन्ध इत्यादि समग्र रूप से परिपूर्ण कर पत्रावलियां एसआईपीएफ पोर्टल पर स्कैन कर अपलोड की जा रही है।
उन्होनें बताया कि समस्त आहरण एवं वितरण अधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थ समस्त कर्मचारियों की नियमानुसार जीपीएफ पासबुक एवं राज्य बीमा रेकार्ड बुक प्रमाणित तथा सत्यापित स्कैन प्रति पीडीएफ फॉर्मेट में कर्मचारियों की एसएसओ आईडी के माध्यम से विभागीय पोर्टल पर ई-बैग में अपलोड करना सुनिश्चित करे। आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा प्रमाणित अपना पदस्थापन विवरण भी पीडीएफ फॉर्मेट में अपलोड करे।
जिससे कर्मचारी की बीमा एवं जीपीएफ की पासबुक को कार्यालय के रिकॉर्ड से मिलान कर अंतिम शेष ऑन-लाईन किया जायेगा उसके बाद समस्त रिकार्ड फीज कर दिया जायेगा जिसमें किसी भी प्रकार का सुधार किया जाना संभव नहीं होगा। राज्य कर्मचारी द्वारा बीमा / जीपीएफ पासबुके ऑन-लाईन अपलोड नहीं करने की दशा की यदि रिकॉर्ड ऑन-लाईन फीज हो जाता है एवं कोई राशि जमा होने से शेष रहती है तो इसके लिए कर्मचारी स्वयं उत्तरदायी होगा।
इस संबंध में पूर्व में कई बार आहरण एवं वितरण अधिकारियों को एवं स्वयं कर्मचारी को सूचित किया जा चुका है इसके उपरान्त भी आहरण एवं वितरण अधिकारियों एवं स्वयं कर्मचारियों द्वारा लापरवाही करके बीमा / जीपीएफ पासबुकों की पीडीएफ फाइल अंशदाता / बीमेदार की स्वयं की एसएसओ आई.डी. पर अपलोड नहीं की जा रही है। जिससे अभियान में बाधा उत्पन्न हो रही है जिससे स्वयं कर्मचारी को नुकसान उठाना पड सकता है।
अतः आगामी 20 अगस्त 2022 तक समस्त कर्मचारियों की बीमा / जीपीएफ की प्रमाणित सुदा पासबुकें एवं पदस्थापन स्थानों का विवरण स्वयं की एसएसओ आई.डी. से अपलोड करें ।