क्या जय सियाराम , हर-हर महादेव और अब वंदे मातरम् की गूंज से राजस्थान में अशोक गहलोत ने कांग्रेस का ट्रेंड बदल दिया है ?

विनय एक्सप्रेस आलेख, अनिल सक्सेना। आजकल जयसियाराम और हर-हर महादेव की गूंज सिर्फ भाजपाईयों के बीच से ही सुनाई नही देती है,अब तो कांग्रेस के नेता, कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि भी मजबूती से यह जयघोष करते नजर आ रहे हैं।

अनिल सक्सेना : वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार

सोशल मीडिया पर पिछड़ी दिखाई देने वाली कांग्रेस राजस्थान में सोशल मीडिया पर अपनी बात कहते नजर आने लगी है। सच तो यह है कि कांग्रेस यह बताने में लगी है कि ऐसा नही है कि सिर्फ भाजपाई ही जय सियाराम, हर-हर महादेव और वंदे मातरम का उदघोष करते हैं या पूजा-पाठ करते हैं।

 

अब तो कांग्रेस के अग्रिम संगठन एनएसयूआई, सेवादल और युवा मोर्चा भी कांवड़ यात्रा का स्वागत कार्यक्रम और धार्मिक आयोजनों में सक्रियता से भाग लेने लगे हैं । ऐसा नही है कि पहले कांग्रेसी पूजा नही करते थे लेकिन अब वो धार्मिक आयोजनों में भाग लेकर सोशल मीडिया में वायरल भी करने लगे हैं।

अभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर घर तिरंगा अभियान चलाया तो हर घर तिरंगे के साथ कांग्रेस ने राजस्थान के प्रत्येक जिले में पैदल तिरंगा यात्रा निकालकर वंदे मातरम् के जयघोष से युवाओं में जोश भरा। इसमें कोई दो राय नही है कि कांग्रेस से युवा वर्ग छिटका है लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस तरह की सक्रियता ने युवाओें को एक बार फिर कांग्रेस की ओर आकर्षित किया है। दूसरी ओर गहलोत ने यह भी कहा कि आने वाला बजट युवाओं को समर्पित रहेगा ।

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उदयपुर में कन्हैयालाल दर्जी मर्डर कांड जैसी घटना ने कांग्रेस को पीछे धकेला लेकिन जिस तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं ही उदयपुर जाकर पीड़ित परिवार से मिले और तुरंत सहायता देकर कुछ समय बाद ही कन्हैयालाल के पुत्रों को सरकारी नौकरी देने का वादा निभाया, वो काबिले तारीफ ही था ।

20 जुलाई को जालोर जिले के सुराणा गांव के एक प्राइवेट स्कूल के अध्यापक ने दलित छात्र की पिटाई कर दी । कुछ दिन बाद ही इलाज के दौरान उसकी मौत की घटना से आहत बताकर कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने इस्तीफा देने की बात कही । इधर ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने अपनी ही सरकार को घेरे रखा है। राजस्थान सरकार दोनो ही मुद्दे पर गंभीर है और कार्रवाई भी कर रही है लेकिन अशोक गहलोत की जय सियाराम , हर-हर महादेव और अब वंदे मातरम की गूंज एक मास्टर स्ट्रोक बनकर राजस्थान में कांग्रेस का ट्रेंड ही बदलने लगी है।

सवाल यह है कि क्या अशोक गहलोत के इस मास्टर स्ट्रोक से भाजपा को 2023 के विधानसभा चुनाव में नुकसान हो सकता है ? यहां यह भी नही भूलना चाहिए कि विधानसभा उपचुनाव में अशोक गहलोत की रणनीति से ही देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के प्रत्याशी की जमानत भी जब्त हो चुकी है।