विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। फाउण्डेशन फोर इकोलाॅजिकल सिक्योरिटी के तत्वावधान में मंगलवार को बंजर भूमि एवं चारागाह विकास पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला परिषद सभागार में किया गया।
कार्यशाला की अध्यक्षता जिला प्रमुख मोडाराम ने की। इस दौरान शामलात संरक्षण, चारागाह एवं बंजर भूमि विकास के संबंध में चर्चा की गई। उन्होंने चारागाहों पर अतिक्रमण की समस्या पर चिंता व्यक्त की तथा कहा कि अतिक्रमण से बचाने के लिए चारागाह का विकास समिति का गठन होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत अपने परिसंपति रजिस्टर में चारागारर कोे दर्ज करे। चारागाह पर स्थानीय समुदाय का अधिकार होता है। इस दौरान शामलात से होने वाले प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभ के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत चारागाह का विकास के कार्य कराये जा सकते है। बंजर भूमि एवं चरागाह विकास समिति का गठन 2017 के आदेशानुसार जिला स्तर पर ब्लॉक स्तर पर ग्राम पंचायत स्तर पर किया गया है। गांव स्तर पर चारागाह विकास समिति का गठन किया जाना है।
जिला कलेक्टर नमित मेहता ने बंजर भूमि को चारागाह विकास करने के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संरक्षण कार्यों को महत्व दिया जाए तथा जो कार्य ज्यादा उपयोगी हैं, उन कार्यों को प्राथमिकता देवें। उन्होंने इस कार्य को सामूहिक तरीके से आगे बढ़ाने की बात कही।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओम प्रकाश मेहरा ने चारागाह विकास समिति के गठन एवं प्रशिक्षण करवाने के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि जन समुदाय को साथ लेकर के शामलात संसाधनों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी दी जाए। कार्यक्रम को मजबूती प्रदान करने के लिए समय-समय पर बैठकें आयोजित करने का निश्चय किया गया।
इस अवसर पर गैर सरकारी संस्थान आईटीसी से निलेश, मनोज मिश्रा, देवव्रत, एफईएस मघाराम कड़ेला, कैलाश शर्मा, अरविंद, अधिशाषी अभियंता यशपाल पूनिया, मनीष पूनिया, सहायक अभियंता आराधना शर्मा, दिनेश कुमार अग्रवाल, सुनील जोशी के अलावा विकास खण्ड अधिकारी, अतिरिक्त विकास अधिकारी, कृषि एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
—–