हमारी जागरूकता ही वास्तविक साक्षरता है: एडवोकेट मोहता

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। ‘‘ साक्षरता का अर्थ मात्र अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं है। हम विकास की मुख्यधारा के प्रति कितने जागरूक हैं – हमारी जागरूकता ही हमारी साक्षरता है। ’’ ये उद्बोधन वरिष्ठ एडवोकेट एवं संस्थान के वाईसचेयरमैन श्री गिरिराज मोहता ने विश्व साक्षरता दिवस चेतना कार्यक्रम में उपस्थित संभागियों के समक्ष व्यक्त किए।


अवसर था – शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को समर्पित संस्था बीकानेर प्रौढ़ शिक्षण समिति एवं जन शिक्षण संस्थान, बीकानेर के सह-आयोजन में 8 सितंबर, 2022 को विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर स्थानीय प्रौढ़ शिक्षा सभागार में आयोजित साक्षरता और स्वावलंबन कार्यक्रम का।


अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में एडवोकेट मोहता ने कहा कि हमें अक्षर ज्ञान के साथ आधुनिक तकनीकों,मोबाईल ऑपरेटिंग, ई-मित्रा सर्विस की जानकारी भी जानकारी प्राप्त करनी आवश्यक है। इसके साथ समय की मांग हैं कि हम शिक्षित होने के साथ हाथ का हुनर सीखकर आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनें।
वरिष्ठ साक्षरताकर्मी एवं संस्थान के अध्यक्ष अविनाश भार्गव ने बैंगलोर से अपने वर्चुअल उद्बोधन के तहत कहा कि विभिन्न साक्षरता अभियानों के बावजूद आज देश की आजादी को 75 वर्ष पूर्ण होने पश्चात् भी देश संपूर्ण साक्षर नहीं हो पाया है यह बहुत चिंता की बात है। आज के दिन हमें आमजन को अपने आस-पास के निरक्षर लोगों को साक्षर करने का संकल्प भी लेना चाहिए।

संस्थान के निदेशक ओम प्रकाश सुथार ने कहा कि हमें साक्षरता के साथ अब विधिक साक्षरता, वित्तीय साक्षरता एवं दस्तावेजी साक्षरता के बारे में भी सजग होना होगा। संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी महेश उपाध्याय ने कहा कि शिक्षा और हुनर आत्मनिर्भरत का मुख्य आधार है।


इसी क्रम में संस्थान के संदर्भ व्यक्तियो की ओर से वहिदा खातून, रेशमा वर्मा, प्रीति व्यास, ममता पंवार आदि ने भी पढ़ाई के साथ हाथ के हुनर को अपनी पहचान बनाने के लिए आवश्यक बताया। संस्थान द्वारा शिक्षण दिवस कार्यक्रम शृंखला के तहत आयोजित कौशल प्रतियोगिताओं के विजेताओं को संबंधित प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

इस क्रम में मेहंदी प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय तृतीय और सांत्वना, सिलाई प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय तृतीय और सांत्वना और हेयर स्टाईल प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय तृतीय और सांत्वना रहीं।

आयोजन के व्यवस्थापन में लेखाकार लक्ष्मीनारायण चूरा, कार्यक्रम सहायक तलत रियाज एवं श्रीमोहन आचार्य की सक्रिय सहभागिता रही। आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम सहायक उमाशंकर आचार्य ने कहा कि कौशल विकास वर्तमान की महत्ती आवश्यकता है।