साहित्य एवं साहित्यकारों का सम्मान करना ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता-छंगाणी, सहारण

प्रज्ञालय संस्थान, बीकानेर

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। प्रतिभाओं का सम्मान करना हमारी समृद्ध परंपरा रही है। इसी के तहत आज प्रज्ञालय संस्थान एवं नालन्दा-प्रज्ञा परिवार द्वारा राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष शिवराज छंगाणी एवं राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष दूलाराम सहारण का अभिनन्दन-सम्मान समारोह नालन्दा पब्लिक सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के सृजन सदन में वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मीनारायण रंगा, मालचंद तिवाड़ी एवं मधु आचार्य के आतिथ्य में किया गया।

सम्मान समारोह की विशेष बात यह रही कि आयोजन के माध्यम से सैकड़ों छात्र/छात्राओं के मध्य प्रभावी ढंग से साहित्यिक संवाद की स्थिति बनी, जिससे पुस्तक संस्कृति को बल मिला। अपने सम्मान के प्रति उत्तर में दोनों अकादमियों के अध्यक्षों शिवराज छंगाणी एवं दूलाराम सहारण ने कहा कि हमारे लिए साहित्य एवं साहित्यकारों का सम्मान ही सर्वोच्च प्राथमिकता है। जिसे पूरा करने के लिए हम हमारी जिम्मेदारी को समर्पित भाव से निभाते हुए अकादमी कि कार्यप्रणाली को बेहतर बनाकर गतिशील बनाएंगे।


अपनी बात रखते हुए शिवराज छंगाणी ने कहा कि राजस्थानी के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु सतत प्रयास किए जाएंगे और मुझसे जितना संभव होगा मैं अधिक से अधिक अकादमी की गतिविधियों को आगे बढाऊंगा। अपने विचार रखते हुए दूलाराम सहारण ने कहा कि मुझे सौंपी गयी जिम्मेदारी को मैं समर्पित भाव से महत्वपूर्ण नवाचार करते हुए पूरा करूंगा। इस बाबत उन्होंने अपनी भावी कार्य योजना का जिक्र करते हुए युवा पीढ़ी को सृजन करने की अपील की एवं युवा प्रतिभाओं को उचित अवसर देने का विश्वास दिलाया।


सम्मान समारोह के अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मीनारायण रंगा ने दोनों अध्यक्षों को आशीर्वाद देते हुए नव आयाम स्थापित करने की मंगलकामना की।
समारोह के अतिथि वरिष्ठ कथाकार आलोचक मालचंद तिवाड़ी ने कहा कि छंगाणी और सहारण का राजस्थानी व हिन्दी अकादमी का अध्यक्ष बनना सुखद है, जिससे दोनांे भाषाओं का साहित्यिक वातावरण समृद्ध होगा।
समारोह के अन्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं रंगकर्मी मधु आचार्य ने कहा कि दोनों प्रतिभाओं का ऐसे संस्थान में सम्मान होना गौरव की बात है जिसकी नींव साहित्यिक हो। उन्होने आगे कहा कि अध्यक्ष का कार्य चुनौतीपूर्ण है परन्तु दोनों अध्यक्ष चुनौती को निभाने में सक्षम हैं।


प्रारंभ में सभी का स्वागत करते हुए युवा शिक्षाविद् राजेश रंगा ने कहा कि हमारे संस्थान में पुस्तक संस्कृति एवं अन्य कलाओं की गतिविधियां निरन्तर जारी हैं। दोनों प्रतिभाओं शिवराज छंगाणी एवं दूलाराम सहारण का लक्ष्मीनारायण रंगा, मालचंद तिवाड़ी, मधु आचार्य, कमल रंगा एवं राजेश रंगा ने माला, शॉल, साफा, श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह अर्पित कर सम्मान-अभिनन्दन किया।


इस अवसर पर साहित्यक अकादमी के कोषाध्यक्ष के.के. शर्मा का भी प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया गया। सम्मान समारोह में विभिन्न कला अनुशासनों के गणमान्य लोगों ने जिनमें प्रमुख थे-राजेन्द्र जोशी, बुलाकी शर्मा, डॉ नितिन गोयल, अविनाश व्यास, संजय आचार्य वरूण, गिरिराज पारीक, प्रेम नारायण व्यास, डॉ फारूक चौहान, राजाराम स्वर्णकार, डॉ नरसिंह बिन्नाणी, रमेश भोजक, श्यामसुंदर चूरा, लियाकत अली, विजय गोपाल पुरोहित, भवानी सिंह, डॉ अजय जोशी, बी.एल नवीन, जुगल किशोर पुरोहित, सुशील छंगाणी, प्रखर मित्तल, गंगा बिशन बिश्नोई, इन्द्र छंगाणी, आशीष रंगा, अलका रंगा, सीमा स्वामी, दुर्गा रंगा, अंजू, अशेाक शर्मा, कार्तिक मोदी, मुकेश स्वामी एवं योगेश उपाध्याय सहित सैकड़ों युवा छात्र/छात्राएं ने अपनी गरिमामय साक्षी दी।
कार्यक्रम का संचालन युवा कवि कथाकार कमल रंगा ने किया एवं सभी का आभार हरिनारायण आचार्य ने ज्ञापित किया।