नागौर कलेक्ट्रेट को राजस्थान एनर्जी कंजर्वेशन अवार्ड : राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के सीएमडी डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी को प्रदान किया प्रशस्ति पत्र

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। सोलर प्लांट लगा ग्रीन बिल्डिंग के रूप में विकसित किए जाने पर जिला कलक्ट्रेट कार्यालय को अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य की उपलब्धि पर राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम की ओर से राजस्थान एनर्जी कंजर्वेशन अवार्ड (रेका) दिया गया है।

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यह अवार्ड राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर डाॅ. सुबोध अग्रवाल व राज्य ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार की ओर से जारी किया गया है। गौरव की बात तो यह है कि राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने राजस्थान एनर्जी कंजर्वेशन अवार्ड का प्रशस्ति पत्र जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी को शुक्रवार की सुबह कलेक्ट्रेट कार्यालय, नागौर में प्रदान किया। इस मौके पर राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के परियोजना प्रबंधक आर.बी.सिंह, अतिरिक्त जिला कलक्टर मनोज कुमार व जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चैधरी व खींवसर के उपखण्ड अधिकारी राजकेश मीणा भी मौजूद रहे।
इससे पूर्व राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के सी.एम.डी. डाॅ. सुबोध अग्रवाल का नागौर कलेक्ट्रेट पहुंचने पर जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी व अन्य अधिकारियों ने पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया तथा भारत स्काउट एवं गाइड के रोवर्स व रेंजर्स ने सलामी दी। इस मौके पर भारत स्काउट गाइड के सीओ अशफाक पंवार, मीनाक्षी भाटी, जिला खेलअधिकारी भंवर सियाक भी मौजूद रहे।

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डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी : जिला कलक्टर, नागौर

50 किलोवाट का सोलर प्लांट, हर वर्ष होगी सात लाख रूपए की बचत

सूरज के ताप से बनी बिजली से हमारा राज्य विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। नागौर में जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने पहल करते हुए कलेक्ट्रेट बिल्डिंग पर अक्टूबर 2020 में 50 किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट लगवा इसे ग्रीन बिल्डिंग के रूप में विकसित किया।

कलक्ट्रेट कार्यालय पर लगे इस सोलर प्लांट से हर माह करीब छह हजार यूनिट पैदा हो रही है। इस हिसाब से प्रतिवर्ष करीब 72 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। इस सोलर प्लांट के लगने से अब नागौर कलेक्ट्रेट कार्यालय को बिजली के पेटे दी जाने वाली सात लाख रूपए की राशि की बचत होगी। विदित रहे कि जिला कलेक्ट्रेट बिल्डिंग पर सीमेंट कंपनी ने सीएसआर मद से 50 किलोवाट क्षमता का यह सोलर प्लांट लगवाया, जिससे 26 अक्टूबर 2020 को विद्युत उत्पादन शुरू हो चुका था।