जनसंपर्क अधिकारी की सूझबूझ ने पकड़वाया बैंक फ्रॉड करने वाला गैंग

विनय एक्सप्रेस समाचार, मुंबई। मुंबई में कार्यरत जनसंपर्क अधिकारी की सूझबूझ से झारखंड में बैंक फ्रॉड कर देश भरके लोगों का पैसा निकालने वाला गैंग 12 सितंबर की रात झारखंड में पकड़ा गया । झारखंड में ही कुछ साल पहले जामतारा के एक गैंग ने देश में बैंक फ्रॉड कर हज़ारों लोगों को चूना लगाया था। इसी प्रकार से खरसांवां झारखंड से ही वर्षों से एक गैंग बैंक फ्रॉड कर हज़ारों मासूम लोगों की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ़ कर रहे थे।

जनसंपर्क अधिकारी की माता जिनकी उम्र 85 वर्ष की है 9 सितंबर’2022 को ऑनलाइन घोटाले/धोखाधड़ी का शिकार हो गईं और उनके खाते से दो अनधिकृत लेनदेन होने पर लगभग 1 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इसके साथ ही उनके बड़े दामाद भी इसके शिकार हो गये और हैकर्स ने उनके मोबाइल नंबर के माध्यम से खाते को हैक किया। यही नंबर दोनों खातों में पंजीकृत था।

जनसंपर्क अधिकारी ने अपनी प्रारंभिक जांच के आधार पर पाया कि 7 सितंबर ’22 को एक डीटीडीसी कूरियर उनके जीजाजी को आने की उम्मीद थी लेकिन इसमें देरी हो रही थी इसलिए उनके जीजाजी ने डीटीडीसी कस्टमर केयर नंबर ऑनलाइन खोजा और +91-1144900000 पर कॉल किया। नंबर नहीं चला लेकिन 2.50 बजे उन्हें नंबर – +917001140347 से कॉल आया कि उनका कूरियर डिलीवर नहीं किया जाएगा क्योंकि पता बेमेल है और उन्हें पता अपडेट करने और ऑनलाइन राशि का भुगतान करने की आवश्यकता है।

जीजाजी ने यह कहते हुए मना कर दिया कि कूरियर पहले ही भुगतान कर चुका है और वह अधिक भुगतान नहीं करेंगे और उस व्यक्ति को कूरियर देने के लिए कहा।इस बीच उन्हें उसी नंबर से “कूरियर टीम सर्विस” शीर्षक से एसएमएस पर एक लिंक प्राप्त हुआ: http:/bit.ly/3D0siER और एक एसएमएस के माध्यम से हैकर ने फोन तक पहुंच प्राप्त की और एसएमएस फॉरवर्ड का एक सॉफ्टवेयर स्थापित किया। यह एप .enix.smsforward” है ।इसके बाद उन्हें नंबर +91-9827014369 से एक यूपीआई पिन संदेश प्राप्त हुआ, इसके बाद उनके बैंक संबंधी सभी संदेश नंबर: +91-9634224747 पर फॉरवर्ड होने लगे और उनके कोटक महिंद्रा बैंक खाते के यूपीआई से लिंक स्थापित हो गया।

उस समय जीजाजी ने एसएमएस पर ध्यान नहीं दिया और बिना अनुमति के उसी दिन उनके खाते से 5 रुपये डेबिट कर दिए गए।9 सितंबर 2022 की सुबह ही माताजी को जयपुर नंबर 0141 285 1400 से एक कॉल आया कि उनके खाते से 1 लाख ट्रांसफर हो गए हैं तब ही उन्हें धोखाधड़ी के बारे में पता चला। जनसंपर्क अधिकारी को यह बात पता चलते ही उन्होंने अपने स्तर से जाँच प्रारंभ की।

उन्होंने इस फ़ोन से संबंधित सभी खाते बंद करने के लिए कहा। उनकी माता की बड़ी सुपुत्री रिटायर्ड आईएएस रह चुकी हैं ।उन्होंने बैंक व पुलिस को इंफॉर्म किया। शुरू में बैंक मानने को तैयार ही नहीं था कि यह फ्रॉड है। जनसंपर्क अधिकारी ने घर के बच्चों की मदद से जीजाजी का फोन एक्सेस किया तब इस घटना का खुलासा हुआ ।

उन्होंने इसी दौरान एक खाते का पता लगाने की कोशिश की जिसमें पैसा ट्रांसफर हुआ। यह खाता अभिमन्यु नायक का था जिसका खाता नंबर। – 100167194106 व आईएफएससी कोड – INDB0000422 यह निकला।

उन्होंने ऑनलाइन सर्च किया तो पता चला कि इस नाम के व्यक्ति ने कई तरह के फ्रॉड कर रखे हैं व इस व्यक्ति का लगभग हर बैंक में खाता है जिनसे कई यूपीआई आईडी के माध्यम से पैसा लोगों के खातों से ग़ायब हो रहा है। प्रतिदिन यह खाता एक्टिव रहता है तथा इस खाते में आधार भी लिंक्ड नहीं है जिससे बैंक सिस्टम की ख़ामी उजागर होती है । इसी में अभिमन्यु नायक का फ़ोन नंबर दिया हुआ था। जनसंपर्क अधिकारी ने उसे चेक किया व अपनी बड़ी बहन को सारी सूचना दी । उन्होंने तत्काल झारखंड आईजी से बात की । झारखंड आईजी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू की। जनसंपर्क अधिकारी ने जो फ़ोन नंबर दिया था उससे पुलिस को मुजरिमों को पकड़ने में मदद मिली। फ़िलहाल पूरा गैंग पुलिस हिरासत में है व जांच चल रही है ।

जामतारा की तर्ज़ पर खरसांवा से चल रहे इस फ्रॉड में भी बहुत बड़े खुलासे हो रहे हैं । रिटायर्ड आईएएस लगातार पुलिस के सीनियर अधिकारियों के संपर्क में हैं व खरसांवां एसपी व थाना इंचार्ज के सहयोग से जाँच आगे बढ़ रही है ।

जनसंपर्क अधिकारी व उनके परिवार की सुरक्षा की दृष्टि से नाम नहीं दिए जा रहे हैं । जनसंपर्क अधिकारी के परिवार ने समय से स्वंय इस मामले की जाँच की, नहीं तो इतने बड़े कांड का खुलासा नहीं हो सकता था । इस गैंग ने देश के अलग-अलग इलाक़ों में लोगों को अपना शिकार बनाया है ।

जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि सभी को गूगल का उपयोग करने में सावधानी बरतनी चाहिए । प्रतिदिन मेल चेक करना चाहिए व प्ले स्टोर से किसी भी एप को बिना जाँचें डाउनलोड नहीं करना चाहिए । उन्होंने कहा कि किसी भी लिंक पर यूंही क्लिक ना करें व अपना सिम भी किसी दूसरे के मोबाइल में डालकर चेक ना करें। अपने दस्तावेज़ों की फ़ोटोकॉपी कराते समय भी सावधानी बरतें। किसी से भी अपना आधार व पैन नंबर शेयर ना करें ।