विनय एक्सप्रेस समाचार, भरतपुर। राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण मिशन के तहत मधुमक्खीपालकों का एक दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन मंगलवार को कुम्हेर स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र मंेे किया गया प्रशिक्षण में 106 किसानो द्वारा भाग लिया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कलक्टर आलोक रंजन ने कहा कि वर्तमान समय की मांग है कि कृषक कृषि के साथ अन्य पूरक व्यवसाय अपनायें जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके। उन्होेंने कहा कि कृषकों की समस्याओं के समाधान के लिए एफपीओ के रूप में संगठित होकर कार्य करें जिससे उनको समस्त सुविधाऐं उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र के अलावा मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में भी रोजगार की अपार संभावनाऐं हैं इसके लिए कृषकों को एफ.पी.ओ. बनाकर उसमे सदस्यों की संख्या बढावें तथा मधुमक्खी पालन के साथ-साथ शहद प्रसंस्करण इकाई लगाकर अपना स्वयं का ब्रांड बनाकर शहद विक्रय करें, जिससे निश्चित रूप से आप की आय में वृद्धि होगी।
डी.डी.एम. नाबार्ड राजेश मीना द्वारा एफ.पी.ओ. की परिकल्पना, रूपरेखा व फायदे के बारे में कृषको से विस्तृत चर्चा की गई। सहायक निदेशक उद्यान जनक राज मीना ने प्रशिक्षण में उद्यान विभाग में संचालित योजनाओ के बारे मे कृषको अवगत कराया। मधुमक्खी पालन विशेषज्ञ एवं कीट वैज्ञानिक कृष्णअवतार ने मधुमक्खी पालन, रखरखाव, माइग्रेशन व उक्त व्ययवसाय में आ रही परेशानी आदि के बारे में कृषको से विस्तार में चर्चा की। उद्यानिकी विशेषज्ञ वैज्ञानिक योगेन्द्र सिंह ने उद्यानिकी में मधुमक्खी पालन के महत्व के बारे में बताया। कृषि विज्ञान केन्द्र प्रभारी डॉ. नवाव सिंह ने कार्यक्रम की उपयोगता व केन्द्र पर संचालित कार्यक्रमो के बारे में जानकारी दी।
प्रशिक्षण में भरतपुर हनी फैड एफ.पी.ओ. के व्यवस्थापक, सी.ई.ओ. इन्द्रपाल सिंह, सीमा गुप्ता सहायक कृषि अधिकारी उद्यान, देवेन्द्र सिंह कृषि पर्यवेक्षक उद्यान मौजूद रहे।